पहले शवासन की अवस्था में लेट जाएं। दोनों पैरों को सीधा रखें। पैरों को टाइट रखते हुए 45 डिग्री के कोण पर ऊपर की ओर उठाएं। लंबी गहरी सांस लें और सांस को रोक कर रखें। जब लगे कि सांस छोडऩी है तो पैरों को धीरे-धीरे नीचे लाएं फिर सांस छोड़ दें। 8 से 10 बार इसे कर सकते हैं। इसे नियमित करने से मोटापे से राहत मिलेगी। साथ ही मांसपेशियां मजबूत और कब्ज की समस्या दूर होगी।
शवासन की मुद्रा में लेटने के बाद दोनों पैरों को अर्धहलासन मुद्रा में लाएं। कमर को ऊपर उठाते हुए पैरों को सिर के पीछे ले जाएं। पैर के पंजे बाहर निकालकर रखें। सांस छोड़ दें। धीरे-धीरे कमर को नीचे लाकर अर्ध हलासन की मुद्रा में आएं फिर शवासन की स्थिति में आ जाएं। आठ से दस बार करने से पेट की चर्बी कम होती है। थायरॉइड में आराम मिलता है। गदर्न की तकलीफ है तो जरा संभलकर करें।
पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। दोनों हाथों को आगे लेकर जाएं और कमर सीधी रखें। लंबी सांस लेते हुए लोअर बैक को नीचे और गर्दन को ऊपर उठाएं। सांस रोककर रखें और ऊपर की तरफ देखें। सांस छोड़ते हुए लोअर बैक को ऊपर लाएं और गर्दन को नीचे ले जाएं। ये आसन नियमित करने से प्रजनन शक्ति ठीक रहने के साथ हॉर्मोन संबंधी समस्या नहीं होती हैं। महिलाएं या लड़कियां इसे रोजाना सुबह-शाम कर सकती हैं।
महिलाएं जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है या पहले कोई ऑपरेशन हो चुका है या कमजोरी की शिकायत रहती है तो वे इन योगासन को योग विशेषज्ञ की सलाह के बिना न करें। परेशानी बढ़ भी सकती है।
– सुबह के समय योग करना फायदेमंद होता है।
– किसी बीमारी का इलाज चल रहा तो पूछकर करें।
– खाना खाने के तुरंत बाद येाग नहीं करना चाहिए।
– योग करते हुए क्षमता से अधिक कोशिश न करें।
– प्रसव हुआ है या माहवारी है तो एक्सपर्ट से पूछ लें।
– अपनी सुविधानुसार कभी भी योगासन न करें।
– योग एक तय समय पर करने से निरंतरता रहती।