प्रभु लाल सोमानी
बरूंदनी (भीलवाड़ा). समय-अलसुबह 3.30 बजे, स्थान- भीलवाड़ा जिले का बरूंदनी कस्बा। दनदना दन दौड़ते बजरी से भरे ट्रैक्टर और डम्पर। एक के पीछे एक वाहन। सन्नाटे को तोड़ती वाहनों की आवाज। एक घंटे में बजरी से भरे 200 वाहन निकल गए। नजारा था शुक्रवार अलसुबह बरूंदनी, बिलोड ,छोटा खेड़ा, बड़ा खेड़ा, माली खेड़़ा गांव का। राजस्थान पत्रिका रिपोर्टर ने एक घंटे इन गांवों पर नजर रखी।
चौकाने वाली बात यह रही कि भीलवाड़ा जिले में बजरी निकालने के लिए एक भी लीज नहीं होने के बावजूद वाहन सरपट दौड़ लगाते रहे। बनास, बेड़च और कोठारी नदी का सीना छलनी करके बजरी राजस्थान के कई जिलों समेत मध्यप्रदेश तक पहुंचाई जा रही है। पुलिस, खनिज विभाग और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से माफिया चांदी कूट रहे है।
यहां बजरी खनन
भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ व कोटड़ी उपखंड से प्रवाहित हो रही बनास, बेड़च ,कोठारी नदियों से बड़े पैमाने बजरी दोहन हो रहा। रात के अंधेरे में जेसीबी के सहारे वाहनों में बजरी भरी जाती है। भोर होने से पहले भारी वाहन बजरी लेकर रवाना हो जाते है। बड़लियास, बीगोद, मांडलगढ़, मंगरोप थाना क्षेत्र के गांवों से निकलते है। थाना पुलिस आंखें मूंदे बैठी रहती है।
एस्कॉर्ट टीम चलती साथ
बजरी से भरे वाहनों से आगे बाइक या कार में सवार लोग एस्कॉर्ट करते मिले। यह पुलिस व अन्य अधिकारियों पर नजर रखते हैं। आगे से आगे एक-दूसरे को मोबाइल पर रास्ता क्लीयरेंस की जानकारी देकर गंतव्य स्थल तक बजरी पहुंचाते है। माफिया ने पकड़े जाने के डर से अस्थाई रास्ते भी बना रखे है। यह लोग जंगल तक में बजरी का स्टॉक कर लेते है। वहां से डिमांड पर बजरी भेजते है। चित्तौड़गढ़ जिले की सीमा से होते हुए मध्यप्रदेश बजरी पहुंचाई जाती है।
आमजन से मनमानी वसूली
आमजन से बजरी की मनमानी वसूली की जाती है। एक ट्रैक्टर ट्रॉली के तीन से चार हजार रुपए वसूले जाते है। इसके पीछे वह मुश्किल से बजरी पहुंचाने के साथ सभी को खर्चा देने की बात कहते है।
विधायक खंडेलवाल का क्षेत्र
यह इलाका मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां गोपाल खंडेलवाल भाजपा विधायक है। खंडेलवाल पर भी पूर्व में कई बार अवैध बजरी दोहन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगे है। इसे लेकर भीलवाड़ा के पूर्व पार्षद ने प्रदर्शन भी किया।