
रंग-रूप की वजह से कोई नहीं देना चाहता था इन्हें काम, इस बहादुर बेटी की कहानी को जानकर आपको भी होगा इन पर गर्व
नई दिल्ली। इंसान का रंग-रूप भगवान का देन होता है। इस पर किसी का कोई जोर नहीं, लेकिन अपनी काबिलियत के दम पर दुनिया के सामने खुद को साबित कर सकता है। एक ऐसी ही लड़की के बारे में हम आज आपको बताने जा रहे हैं जो किसी भी व्यक्ति के लिए किसी हौसले से कम नहीं है।
हम यहां केरल के थ्रीसूर जिले में रहने वाली प्रीति की बात कर रहे हैं। 30 साल की यह लड़की Ichthyosis नामक त्वचा की एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं। इस Skin Condition में रोगी की त्वचा सूखकर निकलने लगती है और जब ऐसा होता है तब असहनीय पीड़ा भी होती है।
लोग प्रीति को देखकर तरह-तरह की बातें करते थे। उसने अपनी ओर से इस रोग को दूर करने की बहुत कोशिशें कीं, लेकिन बात नहीं बनी। एलोपैथी से लेकर आयुर्वेद तक का सहारा लिया, लेकिन फायदा नहीं मिला।
प्रीति एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं जो कि आर्थिक रूप से बेहद ही कमजोर है। प्रीति की मां मजदूरी करती हैं, लेकिन अब उम्र ज्यादा हो जाने की वजह से उनसे यह काम नहीं हो पाता है। एक भाई भी है जो अभी पढ़ाई कर रहा है, लेकिन दीदी के इलाज का खर्चा उठाने और घर की जिम्मेदारी निभाने के लिए उसे नौकरी करनी पड़ रही है। ऐसे में प्रीति परिवार का साथ देना चाहती थी।
वह नौकरियां ढूंढने लगी। तेज धूप व गर्मी से प्रीति को और भी परेशानी होती थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पैसे की कमी के चलते प्रीति को कक्षा 10 के बाद अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। वह जानती थी कि उसे formal sector में काम नहीं मिल सकता। इस वजह से घर की सफाई जैसे काम वह करने लगी।
जिंदगी के इस कठिन सफर में प्रीती को कुछ ऐसे लोग मिले जो उसे देखकर उसका मजाक बनाते थे जबकि कुछ ऐसे भी लोग मिले जो उसकी मदद को आगे आए। उन्होंने प्रीती के इलाज का खर्चा उठाया जिससे अब वह काफी हद तक ठीक है।
सुशान्त निलांबुर नामक एक समाज सेवक ने crowdfunding के माध्यम से प्रीती के ट्रीटमेंट के लिए 10 दिनों के अंदर 50 लाख जुटाने में सफल हुए। हालांकि प्रीती को अभी भी एक सटीक काम की तलाश है। अगर आप भी प्रीती की मदद करना चाहते हैं तो इस पते पर सम्पर्क कर सकते हैं —
Updated on:
06 Apr 2019 04:58 pm
Published on:
06 Apr 2019 04:31 pm
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