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अजब गजब

द्वापर ही नहीं कलयुग में भी हुआ था पांडवों का जन्म, शिव जी के श्राप का दिखा असर

Reincarnation of Pandavas : अश्वत्थामा ने भोलेनाथ की तलवार से किया था पांडवों पर प्रहार
शिव जी से युद्ध करने चले गए थे पांडव, इस बात से नाराज हो गए थे भोलेनाथ

Jan 04, 2020 / 12:33 pm

Soma Roy

Reincarnation of Pandavas

Reincarnation of Pandavas

नई दिल्ली। अर्धम के नाश के लिए द्वापर में महाभारत (mahabharat) का युद्ध हुआ था। जिसमें कौरव और पांडवों के बीच संघर्ष देखने को मिला था। सत्य के विजय के लिए अंत में श्रीकृष्ण को आना पड़ा था। मगर क्या आपको पता है द्वापर काल में पांडवों (pandavas) की मृत्यु के बाद उन्होंने कलयुग में दोबारा (reincarnation) जन्म लिया था। इस बात का सबूत पौराणिक ग्रंथों में देखने को मिलता है।
भविष्य पुराण के अनुसार महाभारत युद्ध के अंत में अश्वत्थामा ने आधी रात के समय पांडवों के सभी पुत्रों का वध कर दिया था। अश्वत्थामा ने इसके लिए भगवान शिव को प्रसन्न कर उनके तलवार से पांडवों का वध किया था। जब पांडवों को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने इसे भगवान शिव की ही करनी समझकर उनसे युद्ध करने के लिए चले गए। मगर जैसे ही पांडव शिवजी के पास पहुंचे तो उनके सभी अस्त्र-शस्त्र शिवजी में समा गए।
पांडव पुत्रों की करनी से शिव जी नाराज हो गए। मगर पांडव श्रीकृष्ण के भक्त थे इसलिसए भोलेनाथ ने उन्हें इस जन्म में उनकी करनी का फल देने की जगह अगली बार जन्म लेने का श्राप दिया। भगावान शिव के श्राप के मुताबिक पांडव पुत्रों को कलयुग में धरती पर जन्म लेकर अपनी सजा काटनी पड़ेगी। भविष्य पुराण के अनुसार कलयुग में अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के रजा के रूप में हुआ था जिनका नाम ब्रह्मानंद था। वहीं युधिष्ठिर वत्सराज नाम के रजा के पुत्र बनें। कलयुग में उनका नाम मलखान हुआ। कलयुग में भीम वीरन के नाम से जन्में थे। जबकि नकुल कान्यकुब्ज के राजा के रूप में जन्म लिया था।

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