
मां की कोख से प्लास्टिक के बच्चे ने लिया जन्म, हकीकत जानने के बाद पैरों तले खिसक जाएगी ज़मीन
नई दिल्ली। यूपी के बलरामपुर से 'लैमेलर इक्थियोसिस' का एक नया मामला सामने आया है। अनीता देवी (23) नाम की महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है, जिसकी त्वचा प्लास्टिक और मोम जैसी है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की ऐसी त्वचा के पीछे 'लैमेलर इक्थियोसिस' नामक बीमारी वजह है। बच्चे के पिता का नाम अलखराम यादव (25) है, जो अपने इस दुर्लभ बच्चे को घर ले आए हैं। बता दें कि 'लैमेलर इक्थियोसिस' मामलों में जन्म लेने वाले बच्चे की त्वचा प्लास्टिक जैसी चुस्त, सख्त और चिकनी हो जाती है।
डॉक्टरों ने बताया कि यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके काफी कम मामले सामने आते हैं। हालांकि इस मामले में डॉक्टरों ने कहा है कि अनीता के बच्चे के पास लैमेलर इक्थियोसिस से बचने के लिए अच्छा मौका भी है। खबरों की मानें तो बच्चे के जन्म के बाद अनीता और अलखराम उसे 6 घंटे के भीतर 3 अस्पतालों में लेकर गए। बच्चे की त्वचा देखकर वे दोनों काफी डर गए थे। इतना ही नहीं उनका बच्चा ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा था। जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को लखनऊ रेफर कर दिया, जहां उसका मुफ्त इलाज हो रहा है।
बता दें कि अनीता देवी ने 24 मई को अपने घर पर ही बच्चे को जन्म दिया था। जिसके बाद उन्हें बच्चे की गंभीर बीमारी का एहसास हुआ। बच्चे के पिता अलखराम एक किसान हैं, तो वहीं बच्चे की मां घर संभालती है। डॉक्टरों ने बताया कि यह एक बेहद ही दुर्लभ बीमारी है, जो मुख्य रूप से जेनेटिक डिसॉर्डर लैमेलर इक्थियोसिस की वजह से होती है। करीब 6 लाख में से एक ही बच्चा इसका शिकार होता है, जिसमें उनकी त्वचा प्लास्टिक की तरह सख्त, बेजान और रूखी होती है। इतना ही नहीं ऐसे हालात में बच्चे की रूखी त्वचा समय-समय पर उतरती रहती है, जिससे काफी दर्द भी होता है।
Published on:
29 May 2018 11:48 am
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