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इन पवित्र सरोवरों में स्नान करने मिलता है मोक्ष, मिलती है पापों से मुक्ति

locationमुंबईPublished: Oct 01, 2020 07:24:49 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

अपने देश में प्राचीन काल से देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों का काफी महत्व रहा है। आज भी लोगों में मन में इनको लेकर काफी गहरी आस्था है।आज आपको हम ऐसे सरोवरों के बारे में बताने जा रहे है, जिनका धार्मिक रूप से गहरी मान्यता है।

holy ponds

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अपने देश में प्राचीन काल से देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों का काफी महत्व रहा है। आज भी लोगों में मन में इनको लेकर काफी गहरी आस्था है। आज आपको हम ऐसे सरोवरों के बारे में बताने जा रहे है, जिनका धार्मिक रूप से गहरी मान्यता है। इन धार्मिक सरोवरों को लेकर मौजूदा समय में लोगों में मन में गहरी आस्था है। ऐसे कहा जाता है कि इन सरोवरों में स्नान करने से ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं वो कौन-कौन से धार्मिक सरोवर है जिसमें मनुष्य के स्नान करने से ही पाप से मुक्ति मिल जाती है।
पुष्कर सरोवर, अजमेर, राजस्थान (Pushkar Sarovar, Ajmer, Rajasthan)
राजस्थान में अजमेर शहर से 14 किलोमीटर दूर पुष्कर झील है। इस झील को लेकर भी लोगों के मन में गहरी आस्था है। ऐसा कहा जाता है कि इसका भगवान ब्रह्मा से संबंध है। यहां ब्रह्माजी का एकमात्र मंदिर बना है। पुराणों में इसके बारे में विस्तार से उल्लेख मिलता है। यह कई प्राचीन ऋषियों की तपोभूमि भी रहा है। पुष्कर सरोवर की गिनती पंच तीर्थों में भी की जाती है। झील के बारे में कहा जाता है कि ब्रह्माजी के हाथ से यहीं पर कमल पुष्प गिरने से जल प्रस्फुटित हुआ जिससे इस झील की उत्पत्ति हुई। यह मान्यता भी है कि इस झील में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है। झील के चारों ओर 52 घाट व अनेक मंदिर बने हैं।
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कैलाश मानसरोवर (Kailsah Mansarovar)
पौराण‌िक कथाओं के अनुसार, मानसरोवर ब्रह्माजी मन से उत्पन्न हुआ था। इस सरोवर के पास ही कैलाश पर्वत है जहां पर भगवान शिव निवास स्‍थान माना जाता है। इसलिए इसका महत्व और भी कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर माता पार्वनी स्नान करती है। यहां देवी सती के शरीर का दायां हाथ गिरा था इसलिए यहां एक पाषाण शिला को उसका रूप मानकर पूजा जाता है। यहां शक्तिपीठ है। इसको हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म में भी बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रानी माया को भगवान बुद्ध की पहचान यहीं हुई थी।
बिंदु सरोवर, सिद्धपुर, गुजरात (Bindu Sarovar, Gujarat)
गुजरात के अहमदाबाद शहर से उत्तर में 130 किमी दूरी पर बसे बिंदु सरोवर को लेकर धार्मिक मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि इसी सरोवर के किनारे बैठ कर कर्दम ऋषि ने कई हजार वर्षों तक तपस्या की था। इस बात का वर्णन कई ग्रथों और पुराणों में भी पाया जाता है।
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नारायण सरोवर, गुजरात (Narayan Sarovar, Gujarat)
गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तहसील में स्थित नारायण सरोवर के प्रति भी लोगों में गहरी आस्था है। इसको भगवान का विष्‍णु का सरोवर माना जाता है। इस सरोवरा को लेकर मान्यता है कि स्वयं भगवान विष्णु ने स्नान किया था। कई पुराणों और ग्रंथों में इस सरोवर के महत्व का वर्णन पाया जाता है। यहां सिंधु नदी का सागर से संगम होता है। इस सरोवर पर काीर्ति पूर्णिमा से 3 दिन का भव्य मेला का आयोजन होता है।
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पंपा सरोवर (Pampa Sarovar, Hampi)
नारायण सरोवर के बार मैसूर के पास स्थित पंपा सरोवर का भी महत्व है। हंपी के निकट बसे हुए ग्राम अनेगुंदी को रामायणकालीन किष्किंधा माना जाता है। तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मुख्य मार्ग से कुछ हटकर बाईं ओर पश्चिम दिशा में पंपा सरोवर स्थित है। यहीं पर एक पर्वत है, जहां एक गुफा है जिससे शबरी की गुफा कहा जाता है। कहते हैं इसी गुफा में शबरी ने भगवान राम को बेर खिलाएं थें।
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