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Chugalkhor Ka Makbara: जानते हैं कुछ खास बातें चुगलखोर के मकबरे के बारे में

Chugalkhor Ka Makbara: क्या आपको पता है कि इस मकबरे में मन्नत पूरी होते ही चादर या फूल नहीं चढ़ाते बल्कि चप्पल या जूते बरसाते हैं लोग।

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Chugalkhor Ka Makbara: जानते हैं कुछ खास बातें चुगलखोर के मकबरे के बारे में

नई दिल्ली। Chugalkhor Ka Makbara: चुकलखोर का मकबरा ये कब्र उत्तर प्रदेश के इटावा में हैं। मान्यता के अनुसार लोग आज भी इस कब्र में मन्नत पूरी होते ही जूते या चप्पल चलाते हैं।
चुगली कभी न कभी तो हम सब ने की ही होगी लेकिन इसकी बड़ी सजा कभी नहीं मिली। यहां मरने के बाद भी लोग इस व्यक्ति को सजा दे रहे हैं। आज भी इस व्यक्ति को चुगली करने की सजा मिल रही है कि लोग इसके कब्र में चप्पल या जूते मारते हैं। ये मकबरा उत्तरप्रदेश के इटावा नामक जगह में बना हुआ है। बहुत दूर-दूर से लोग मन्नत मांगने आते हैं। और मन्नत पूरी होने पर चप्पल या जूते चलाते हैं।

इतिहास की माने तो ये मकबरा बहुत ही चुगलखोर व्यक्ति का था। जिसने करीबन 500वर्ष साल पहले इटावा के राजा से चुगली की थी की उनको अटेरी के राजा पसंद नहीं करते हैं। और उनके बारे में बुरा सोंचते हैं। इतना सुनते ही इटावा के राजा क्रोधित हो गए और उन्होंने अटेरी के राजा के ऊपर हमला बोल दिया। बाद में पता चला कि चुगली करने वाला व्यक्ति जिसका नाम भोलू सैय्यद था उसने सबकुछ झूठ बोला था। उसी के क्रोध के कारण आज भी लोग इस कब्र में जूते-चप्पल की बरसात करते हैं। और मन्नत के पूरे होते ही इस रिवाज को पूरा करते हैं ।

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राजा को जब भोलू की सच्चाई और इसकी चुगलखोरी के बारे में पता चला तो, राजा ने हुक्म दिया कि इसे तब तक जूते से मारा जाए जब तक ये मर नहीं जाता है। तब से लेकर आजतक लोग कब्र में भी जूते मार के जाते हैं।

स्थानीय लोग ये भी बताते हैं कि इस रास्ते में भूत-प्रेत का साये का डर रहता है। इसलिए भी लोग अपने और अपने परिवार को अनहोनी घटनाओं से बचाने के लिए जूते, चप्पल मारते हैं, फिर आगे बढ़ना सही समझते हैं।

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