हैरान करने वाली इस नदी के आस-पास कोई केमिकल इंडस्ट्री भी नहीं है और इसमें किसी तरह का रासायनिक कचरा भी बहाया नहीं जाता। हां, नदी के पास फूड कलरिंग कंपनी, कपड़ों की शॉप और पेपर बनाने वाली कंपनियां जरूर हैं। इसलिए इसमें रंग मिल जाने का शक जताया जा रहा है। पर्यावरण रक्षा अधिकारी पानी का सैंपल जांच के लिए ले गए, लेकिन शुरूआती जांच में रंग बदलने का कोई कारण सामने नहीं आया।