
क्रिकेट, वेस्टइंडीज़, इंडिया, वास्को दा गामा, अमेरिका, केपटाउन, डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया.....
उपेन्द्र शर्मा
अहमदाबाद. आज भारत का वेस्ट इंडीज के साथ क्रिकेट वल्र्ड कप में मैच है। क्या है वेस्ट इंडीज ? इस देश के नाम में इंडिया क्यूँ है ? कहाँ है वेस्ट इंडीज़ ? क्या सम्बंध है उसका इंडिया से ? क्यूँ क्रिकेट के अलावा वेस्ट इंडीज का नाम और कहीं सुनाई दिखाई नहीं देता है? आज क्रिकेट के बहाने करते हैं इन्हीं सवालों पर चर्चा।
कहानी शुरू होती है 14-15 वीं शताब्दी में। यूरोप, मध्य एशिया, मध्य पूर्व के देशों और भारत के बीच बहुत सी वस्तुओं का व्यापार होता था खासकर मसालों का। उसी दौर में तुर्की से लेकर ईरान और अफगानिस्तान के आस पास वाले इलाकों में तलवार के जोर पर भारी लूटमार मची हुई थी। इसके चलते भारत से होने वाला यह व्यापार पूरी तरह से बन्द हो गया था।
भारत से ज्यादा परेशानी यूरोप वालों को हो रही थी। उस जमाने में यूरोप के दो देश स्पेन और पुर्तगाल समुद्री मार्गों, द्वीपों, टापुओं की खोज के विशेषज्ञ माने जाते थे। दोनों देशों के राजाओं ने अपने लोगों को भारत के लिए यूरोप से कोई समुद्री मार्ग खोजने का दायित्व सौंपा। सबसे पहले स्पेन के एक नाविक अमेरिगो भारत के लिए मार्ग खोजने निकले। वे स्पेन से चले और वहां से उनको दक्षिण में उतरकर पूर्व की तरफ जाना था लेकिन वे अटलांटिक महासागर में पश्चिम की तरफ भटक गए और जा पन्हुचे आज के अमेरिका के तट पर। वहां तब गोरे नहीं बल्कि वहां के मूल निवासी (काले) लोग रहते थे। अमेरिगो के नाम पर ही उस देश और महाद्वीप का नाम अमेरिका हुआ।
इसके बाद स्पेन का ही एक और नाविक कोलम्बस भारत के लिए समुद्री मार्ग खोजने निकला और जा पंहुचा ठीक उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के बीच स्थित द्वीप समूह पर। वहां के लम्बे और काले लोगों को देख कर उसे लगा वो भारत के दक्षिण में (केरल, कर्नाटक) के तट पर पहुंच गया है। लेकिन जल्द ही उसकी आंखें खुल गई क्योंकि भारत उस दौर में बहुत विकसित था और वो जहां पंहुचा था वो जगह बिकुल आदिम अवस्था में थी। व्यापार का तो वहां नाम ही न था। इन्हीं 7 द्वीप समूहों को मिलाकर हम आज वेस्ट इंडीज के नाम से जानते हैं क्योंकि यह इंडिया के वेस्ट (पश्चिम) में है।
उसके बाद में पुर्तगाल के एक नाविक वास्को दा गामा ने अपना अभियान शुरू किया और पुर्तगाल से रवाना होकर उत्तरी और पश्चिमी अफ्रीका के किनारे किनारे चलकर वो दक्षिण अफ्रीका के अन्तिम छोर पर पंहुचा और उसे भारत के मार्ग के लिए एक आशा की किरण दिखाई दी जिसे उसने "दी केप ऑफ़ होप" (आशा अंतरीप) का नाम दिया जो आज दक्षिण अफ्रीका का मशहूर शहर "केपटाउन" कहलाता है। वहां थोड़े दिन रुककर वास्को अरब सागर की तरफ आगे बढ़ा और अरबी मुल्कों के नीचे होते हुए वो 1459 में भारत के दक्षिण में केरल स्थित कालीकट के बन्दरगाह पर पहुंचा। इस रास्ते से व्यापार फिर शुरू हुआ जो आज तक जारी है। इन समुद्री रास्तों की खोज में ना जाने कितने बहादुर नाविकों की जानें गईं, लेकिन मनुष्य ने इसी तरह धरती पर अपनी विजय गाथाएँ लिखी हैं।
वास्को के नाम से केरल, कर्नाटक और गोवा में कुछ बीचेस और चर्चेस के नाम भी है। उसके 300 साल बाद तो गोआ पर पुर्तगाल का अधिकार हो गया था जिसे भारत ने ब्रिटिश राज से खुद को स्वतंत्र करवाने के बाद 1964 में गोआ को पुर्तगाल से आजाद करवाकर भारत में शामिल किया।
उधर वेस्ट इंडीज और अमेरिका पर यूरोप की शक्तियों ने अपना अधिकार जमाया और लगभग 150-200 साल तक वहां राज किया। उसके बाद विज्ञान की तरक्की का मुख्य केन्द्र अमरीका बना और तेजी से विकसित हुआ। वेस्ट इंडीज पर भी इसका व्यापक असर पड़ा। हालांकि अमेरिका की तर्ज पर वहां गोरे लोग स्थाई रूप से बसे नहीं बल्कि 18-19 वीं शताब्दी में भारत पर अधिकार जमा चुकी यूरोपीय शक्तियों ने बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बंगाल आदि प्रदेशों के मजदूरों को गुलाम बन कर वहां बसाया। आज उन्हीं के पोते परपोत वेस्ट इंडीज में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे पदों पर चुने जा चुके हैं। शिवनारायण चन्द्रपाल, एल्विन कालीचरण, रोहन कन्हाई, रामनरेश सरवन, सुनील नारायण, देवेन्द्र बिशू आदि वेस्ट इंडीज क्रिकेट के बड़े नाम रहे हैं।
फिल्म अभिनेत्री नीना गुप्ता और विवियन रिचर्ड्स, ब्रायन लारा और मीरा की प्रेम कहानियां हैं भी खूब चर्चित हैं। भारत ने अपना पहला क्रिकेट विश्व कप भी 1983 में वेस्ट इंडीज को हराकर ही जीता था।
यह अलग बात है कि भारत के स्कूलों में सालों तक यह सब पढ़ाया गया "भारत की खोज" के नाम पर। परीक्षाओं में सवाल पूछा जाता रहा है भारत की खोज किसने की। जबकि भारत तो भारत की जगह पर ही था यह सिर्फ भारत के लिए एक समुद्री मार्ग की खोज थी।
बहरहाल आज के मैच में मुझे भारत ही जीतता नजर आ रहा है। आपका क्या कहना है ?
Published on:
27 Jun 2019 05:23 pm
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