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मिर्च के हवन से खुश हो जाती हैं यह देवी, अमावस्या की रात को होता है ऐसा चमत्कार

इस हवन में शामिल हुए गुरुजी अघोर किशोर गणपति राट ने बताया कि हवन करने वाले श्रद्धालुओं की आयु लंबी होगी।

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मिर्च के हवन से खुश हो जाती हैं यह देवी, अमावस्या की रात को होता है ऐसा चमत्कार

नई दिल्ली। घर में अगर दाल में मिर्च का तड़का भर लग जाए तो खांसी से लोगों का बुरा हाल हो जाता है। क्या हो जब दस क्विंटल सूखी लाल मिर्च को आग में झोंक दिया जाए। जाहिर सी बात है वहां मौजूद लोगों का सांस लेना भी दूभर हो जाएगा लेकिन जो पिछले दिनों कर्नाटक में हुआ वह किसी चमत्कार से कम नहीं था। कर्नाटक के तीक्ष्ण प्रत्यंगिरा देवी मंदिर में शनिवार की रात यानि अमावस्या की रात सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच एक ऐसा हवन किया गया जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। इस हवन में दस क्विंटल सूखी लाल मिर्च झोंकी गई और साथ ही साथ तरह-तरह की सब्ज़ियों और मिठाइयों का भी हवन किया गया। खास बात यह है कि इस हवन को करने के पीछे का कारण सिनेमा और कारोबारियों के बिजनेस को बढ़ाने था। इस हवन में शामिल हुए गुरुजी अघोर किशोर गणपति राट ने बताया कि हवन करने वाले श्रद्धालुओं की आयु लंबी होगी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस हवन के शुरू होने से पहले यहां मौजूद लोग डर रहे थे कि लोगों को मिर्च के धुएं से तकलीफ होगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

तीक्ष्ण प्रत्यंगिरा देवी को नरसिम्ही या नरसिंहिका भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इन्हें शक्ति का रूप माना जाता है। वह विष्णु, शिव और शक्ति की संयुक्त विनाशकारी शक्ति रखती है। उनका शेर और मानव रूपों का यह संयोजन अच्छाई और बुराई के संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है। कहा जाता है कि देवी प्रत्यंगिरा की सच्चे मन से साधना, आराधना, जप करने से यश, वैभव, कीर्ति प्राप्त की जा सकती है। भद्रकाली के नाम से भी पूजी जाने वाली प्रत्यंगिरा देवी का वर्णन रामायण में भी किया गया है। रामायण में जब भगवान राम युद्ध कर रहे थे तब मेघनाद प्रत्यंगिरा देवी का अनुष्ठान कर रह था। हनुमान जी को पता चल गया और वे तुरंत अनुष्ठान को रोकने के लिए गए उन्हें पता था कि अगर मेघनाथ का अनुष्ठान समल हो गया तो वह अजेय हो जाएगा।