scriptइस शहर में 18 नवंबर को डूबता है सूरज, फिर 23 जनवरी से पहले नहीं देता दर्शन | In town Barrow located in Alaska, the northernmost city in America, sun sets on November 18 and rises on January 23 | Patrika News

इस शहर में 18 नवंबर को डूबता है सूरज, फिर 23 जनवरी से पहले नहीं देता दर्शन

locationनई दिल्लीPublished: Jul 01, 2022 10:03:10 pm

Submitted by:

Archana Keshri

अमेरिका के अलास्का में एक ऐसा शहर है, जहां साल में करीब 66 दिनों तक सूर्योदन नहीं होता है और लोगों को इस दौरान भयंकर ठंड का सामना करना पड़ता है। शहर में कुछ घंटे के लिए रोशनी होती है, लेकिन चमकता सूरज नहीं दिखाई देता है।

In town Barrow located in Alaska, the northernmost city in America, sun sets on November 18 and rises on January 23

In town Barrow located in Alaska, the northernmost city in America, sun sets on November 18 and rises on January 23

दुनिया में ऐसी कई जगह हैं जो अपने आप में बेहद विचित्र हैं। उनमें से एक जगह अमेरिका में भी है। अमेरिका का अलास्का दुनियाभर में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां के मनमोहक नजारे किसी का भी मन मोह लेते हैं। मगर यहां एक ऐसा भी शहर है जहां सर्दियों में सूरज दो महीने तक दिखाई नहीं देता है। इस शहर का नाम बैरो है जिसे उतकियागविक नाम से जाना जाता है। इस शहर में 18 नवंबर को जब सूरज डूबता है तो अगले साल के जनवरी महीने की 23 तारीख तक ही सूरज के दर्शन कर पाना मुमकिन हो पाता है।
यानी की पूरे 66 दिनों तक यहां अंधेरा छाया रहता है। बिल्कुल उसी तरह जैसे रात में होता है। दिन में कुछ घंटे रोशनी रहेती है लेकिन लोगों को चमकता सूरज नहीं दिखाई देता। ये वाकई रोचक बात है कि अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पहचानी जाने वाली इस जगह पर सूरज का दीदार करने के लिए लोगों को तकरीबन दो महीने से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ता है। इस शहर के लोग इस घटना को ‘डेज ऑफ डार्कनेस’ कहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये सब आखिर कैसे होता है? चलिए हम आपको बताते हैं की आखिर इसके पीछे की वजह क्या है?
दरअसल, उत्तरी ध्रुव की तरफ आगे बढ़ते हुए सर्दियों में कुछ जगहों पर दिन इतने छोटे होते हैं कि वहां रोशनी नहीं होती। आर्कटिक में पड़ने वाले उतकियागविक में भी यही आलम रहता है। ये शहर उत्तरी ध्रुव से 2 हजार 92 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। उत्तरी ध्रुव पर आर्कटिक सर्कल होता है और दक्षिणी ध्रुव पर अंटार्कटिक सर्कल। उतकियागविक शहर आर्कटिक सर्कल की ऊंचाई पर स्थित है। आर्कटिक सर्कल के ऊंचाई पर होने की वजह से सूरज यहां क्षितिज से ऊपर नहीं जा पाता। इसलिए इसे ‘पोलर नाइट्स’ भी कहा जाता है।
यानी की जो शहर या देश उत्तरी ध्रुव के जितना करीब होगा, वां उतनी ही लंबी या तो राते होंगी या फिर दिन। बता दें कि पृथ्वी अपनी एक्सिस पर टेढ़ी खड़ी है। इसके कारण उसके दोनों पोल्स यानी नॉर्थ और साउथ पोल पर सूरज की रोशनी एक साथ नहीं पड़ती। यही कारण है कि नॉर्थ में अगर दिन रहता है तो साउथ पोल में उन दिनों रात होती है। उतकियागविक शहर में करीब 4 हजार की आबादी है। पोलर नाइट के दौरान उतकियागविक के लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ता है।

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नवंबर से जनवरी तक यहां तापमान काफी नीचे रहता है। कई बार यहां तापमान माइनस 10 से 20 डिग्री तक नीचे लुढ़क जाता है। इतना ही नहीं, दो महीने के अंधेरे में शहर का औसत तापमान माइनस 5 डिग्री से नीचे होता है। उतकियागविक शहर के लोगों को पोलर नाइट की आदत है और वे इसे सेलिब्रेट करते हैं। यही वजह है कि जिस दिन सूरज अस्त होता है, उस दिन लोग जश्न मनाते हैं और फिर जिस दिन सूरज निकलता है, उस दिन भी लोगों के बीच खुशी का माहौल होता है।
हालांकि सूर्योदय से जुड़ी यह घटना अकेले सिर्फ अमेरिका के शहर में ही नहीं होती है, बल्कि अलास्का के अलावा रूस, स्वीडन, फिनलैंड, ग्रीस और कनाडा के कुछ शहरों में भी होती है। कनाडा के ग्रीस फिओर्ड में तो 100 दिन तक अंधेरा रहने की स्थिति बन जाती है।

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