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हर रात सोने के लिए नए कमरों के साथ नई रानियों का शौक था इस राजा को, फिर नहीं देखता था पलटके

चिन शी हुआंग अपनी जिंदगी 27 वर्षों तक इसी महल में बिताई और एक कमरे में रात बिताने के बाद कभी उसमें दोबारा नहीं गए।

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interesting story of emperor qin shi huang

हर रात सोने के लिए नए कमरों के साथ नई रानियों का शौक था इस राजा को, फिर नहीं देखता था पलटके

नई दिल्ली। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल शिआन, जहां चीन के पहले सम्राट चिन शी हुआंग की हजारों साल पुरानी टेराकोटा आर्मी है उससे आप वाकिफ ही होंगे, ये वही जगह है जहां चीन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले अपनी उपस्थिति दर्ज कराने गए थे। इसे दुनिया का 8वां अजूबा भी कहा जाता है। बताया जाता है कि, चिन शी हुआंग महज 12 साल की उम्र में ही चीन के शासक बने थे। उसने अपने सम्राज्य की सुरक्षा के लिए एक ऐसी आर्मी का गठन किया, जो किसी भी सेना पर भारी पड़ जाती थी। इस सेना को टेराकोटा आर्मी कहा गया। इतना ही नहीं हुआंग ने ही चीन की दीवार को बनवाया, ताकि बाहरी आक्रमणकारियों से सम्राज्य की रक्षा करते हुए दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

चिन शी हुआंग ने एक विशाल व अद्भुत महल का निर्माण कराया था। कहा जाता है, यह महल 10000 कमरों का था। चिन शी हुआंग अपनी जिंदगी 27 वर्षों तक इसी महल में बिताई और एक कमरे में रात बिताने के बाद कभी उसमें दोबारा नहीं गए। कहते हैं हर रात उसके लिए एक अलग पट रानी होती थी। हुआंग के संबंध 13 हजार औरतों थे और उसके 2800 बच्चे भी थे।

सम्राट चिन शी हुआंग की हजारों साल पुरानी टेराकोटा आर्मी भी है जिसे दुनिया का 8वां अजूबा कहा जाता है। बताया जाता है कि चिन शी हुआंग महज 12 साल की उम्र में ही चीन के शासक बने थे। वहीं, चीन की उत्तरी सीमा पर मध्येशिया तक फैली 1500 मील लंबी महान दीवार के बारे में कौन नहीं जनता। यह दीवार के आक्रमण से बचाव के लिए ईसा से 200 वर्ष पूर्व तैयार की गई थी। 25 फीट चौड़ी सड़क पर अश्वारोही पहरा देते थे। दीवार पर हर 200 गज पर बड़ी-बड़ी मीनारें थी जहां दूर-दूर तक दुश्मन का पता लगाने के लिए दूरबीनें लगी रहती थी और आवश्यक युद्ध सामग्री रहती थी।