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OMG! जज को इस चोर ने लिखा था ऐसा खतरनाक लेटर, फिर खुद बैठ गया कुर्सी पर और सुनाए कई बड़े फैसले

भारत का सबसे शातिर चोर कहा जाता है पुलिस ने कई बार किया था गिरफ्तार, लेकिन हो गया फरार

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Judge had become the most vicious thief many decisions were pronounced

Judge had become the most vicious thief many decisions were pronounced

नई दिल्ली: दुनिया में जितने अच्छे लोग हैं उतनी ही कमी शातिर लोगों की भी नहीं है। आप आए दिन सुनते होंगे कि कहीं कुछ चोरी हो गया तो किसी चोर ( Thief ) ने कहीं किसी चीज पर हाथ साफ कर दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का एक ऐसा शातिर चोर भी था जिसने दो महीने तक जज की कुर्सी पर बैठकर कई फैसले सुनाए। चौंकिए मत जनाब ये सच है। चलिए आपको इस शातिर चोर की बातें बताते हैं।

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नाम धनी राम मित्तल...

इस शातिर चोर का नाम है 'धनी राम मित्तल'। आप शायद इस नाम से परिचित नहीं होंगे, तो चलिए हम बताते हैं। कहा जाता है कि धनी राम ने 25 साल की उम्र में ही चोरी को अपना पेशा बना लिया था। पुलिस ने चोरी करते हुए पहली बार साल 1964 में उसे पहली बार पकड़ा था। वहीं अब धनी राम की उम्र लगभग 80 साल हो चुकी है और किसी को नहीं पता कि वो कहां है। कहा ये भी जाता है कि चोरी के इतिहास में वो इकलौता ऐसा था, जिसे सबसे ज्यादा बार गिरफ्तार किया गया। साल 2016 में चोरी करते हुए आखिरी बार धनी राम को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वो पुलिस को चकमा देकर भाग गया था। सबसे खास बात ये कि धनी राम दिन के उजाले में चोरी करता था और अब तक लगभग 1 हजार से ज्यादा गाड़ियां चुरा चुका है।

कई बार हुआ फरार

कई साल पहले धनी राम को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था। वहीं उस समय जो जज थे, वो कई बार उसे अपनी अदालत में देख चुके थे। इसलिए खीझ कर उन्होंने कहा कि तुम मेरी अदालत से बाहर जाओ। इसके बाद वो जाने के लिए उठ गया। उसके साथ आए दो पुलिसकर्मी भी उठकर उसके साथ बाहर चले गए। इसके बाद वो वहीं से गायब हो गया। जब अदालत में उसका नाम पुकारा गया तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि वो तो भाग चुका था। कहा जाता है कि उसने पुलिसकर्मियों को ये कहा था कि जज साहब ने तो उसे जाने के लिए कहा ही था। कहा जाता है कि धनी राम ने एलएलबी की भी पढ़ाई की थी। इसके अलावा उसने हैंडराइटिंग विशेषज्ञ और ग्राफोलॉजी की डिग्री भी हासिल की थी। उसने ये डिग्रियां अपनी चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए हासिल की थी। इन डिग्रियों की बदौलत वह गाड़ी चुराता था और उसके फर्जी कागजात तैयार करके उन्हें बेच देता था।

बन गया था जज

धनी राम के लिए कहा जाता है कि उसने फर्जी कागजात तैयार कर हरियाणा के झज्जर कोर्ट के एडिशनल सेशन जज को लगभग 2 महीने के लिए छुट्टी पर भेज दिया था और उनके बदले खुद उनकी कुर्सी पर बैठ गया था। वो जज की कुर्सी पर बैठकर 2 महीने तक फैसला सुनाता रहा। इस दौरान उसने लगभग 2 हजार अपराधियो को जमानत पर रिहा कर दिया था। हालांकि, कई लोगों को उसने जेल भी भिजवाया। हालांकि, बाद में जमानत पर हुए कैदियों को जेल में डाला गया। वहीं जब तक सच्चाई सामने आई तब तक धनी राम फरार हो गया था।