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यहां सबके सामने ऐसे किया जाता है नई दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट, फेल होने पर दी जाती है भयानक सजा

कंजरभट समुदाय की इस प्रथा का बहिष्कार कई बार किया गया लेकिन आज भी इस समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कुछ कट्टर लोग इस प्रथा को निभाते आ रहे हैं।

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यहां सबके सामने ऐसे किया जाता है नई दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट, फेल होने पर दी जाती भयानक सजा

नई दिल्ली। आज भी हमारे देश में ऐसी रीती रिवाज हैं जो मानवता को शर्मसार करते हैं। ऐसी ही एक परंपरा है कंजरभट समुदाय द्वारा निभाई जाती है। प्रथा के मुताबिक गांव की पंचायत दूल्हा-दुल्हन को सुहाग की रात में सफेद चादर देती है। अगली सुबह चादर पर लाल धब्बा मिलने पर दुल्हन वर्जिनिटी टेस्ट में पास हो जाती है। कंजरभट समुदाय की इस प्रथा का बहिष्कार कई बार किया गया लेकिन आज भी इस समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कुछ कट्टर लोग इस प्रथा को निभाते आ रहे हैं। बता दें कि बीते साल शादी की रात पर लड़की के कुवांरी होने की जांच होने वाली इस कुप्रथा के खिलाफ कंजरभट समुदाय ने मोर्चा खोल दिया था। इस मोर्चे को शुरू करने में एक ऐसी लड़की का हाथ था जो खुद इस कुप्रथा का शिकार बन चुकी है।

इस समुदाय ने शादी करना लड़को के लिए भले ही ख़ुशी की बात हो लेकिन लड़कियों के लिए ये बहुत ज्यादा दुःख की बात होती है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि शादी के अगले दिन पंचायत की बैठक होती है। यहां लड़के से पूछा जाता है कि लड़की का 'चरित्र' ठीक है या नहीं। बिस्तर के ऊपर बिछे सफेद कपड़े को पंचायत को सौंपा जाता है। इसपर खून के निशान होते हैं तो पंचायत शादी को मान्यता देती है। लेकिन अगर उसपर खून का निशान नहीं होता तो लड़की को वापस उसके मायके भेज दिया जाता है। फिर इस लड़की की शादी कभी नहीं हो पाती। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस प्रथा की आड़ में लड़कियों का शोषण किया जाता है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनके वर्निनिटी टेस्ट में 'फेल' होने पर कपड़े उतारना, उनका यौन शोषण करना, खौलते तेल में से सिक्का निकालने के लिए कहना जैसी सजा दी जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि इस समुदाय में तकरीबन ढाई लाख सदस्य हैं, जो ज्यादातर संगमनेर, सांगली, पुणे जिले में बसे हैं।