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इस मंदिर में जाने वाले भाई-बहन बन जाते हैं पति-पत्नी, पूरा सच जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन

मथुरा प्रसाद ने साल 1857 में बनवाया था, जिसे बनाने में बीस साल का लंबा समय लगा।

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Sunil Chaurasia

Aug 26, 2018

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इस मंदिर में जाने वाले भाई-बहन बन जाते हैं पति-पत्नी, पूरा सच जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन

नई दिल्ली। दुनिया में ऐसी कई अजीबो-गरीब जगहें हैं, जिनके बारे में सुनने के बाद आपका माथा खराब हो जाएगा। आज हम आपको एक ऐसी ही अजीबो-गरीब जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी सच्चाई जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। दरअसल ये खास जगह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में स्थित है, जिसे कालपी के नाम से जाना जाता है। यहां एक मीनार भी है, जिसे लंका मीनार कहा जाता है। इस मीनार में रावण और उनके परिवार के पूरे सदस्यों की मूर्तियां लगाई गई हैं। इस मीनार की ऊंचाई 210 फीट है, जिसे मथुरा प्रसाद नाम के शख्स ने 1 लाख 75 हजार रुपये खर्च कर बनवाया था।

इस लंका मीनार का निर्माण इसी कलयुग में हुआ, जिसे लेकर लोगों के दिमाग में तरह-तरह के सवाल रहते हैं। लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कोई रावण के लिए मीनार का निर्माण क्यों करवाएगा। जबकि महापंडित होने के बावजूद रावण ने सीता माता का अपहरण किया था। इस मीनार से जुड़ी दो बेहद ही खास बातें हैं। पहली खास बात ये है कि इस मीनार का निर्माण कराने वाले मथुरा प्रसाद रामलीला में कई सालों तक रावण का रोल करते रहे थे। जिसकी वजह से उन्हें, उनके असली नाम से कम और रावण के नाम से ज़्यादा पहचान मिली। मथुरा प्रसाद ने साल 1857 में बनवाया था, जिसे बनाने में बीस साल का लंबा समय लगा।

मीनार में एक शिव मंदिर भी बना है, जिसके पीछे की मुख्य वजह यही थी कि रावण भगवान शिव के भक्त थे। इस मीनार की चढ़ाई करने में कुल सात परिक्रमा लगानी पड़ती है। यही वजह है कि यहां किसी भाई-बहन को नहीं आने की सलाह दी जाती है। लोगों का मानना है कि यहां किसी लड़की के साथ आने वाले लड़के के सात-फेरे हो गए हैं। हिंदू रीति-रिवाज़ों के अनुसार किसी लड़की के साथ सात-फेरे लेने वाले लड़का उसका पति माना जाता है।