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मध्य प्रदेश के इन महाशय को है कांच खाने की आदत, बड़े ही आराम से चबा जाते हैं कांच की बाेतलें और बल्ब

Madhya Pradesh के रहने वाले इस व्यक्ति को है कांच खाने की आदत। 14-15 साल की Age से ही कांच खाना कर दिया था शुरु। Wife भी कांच खाने से नहीं रोकती बल्कि खुद कांच का इंतज़ाम करती है।

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मध्य प्रदेश के इन महाशय को है कांच खाने की आदत, बड़े ही आराम से चबा जाते हैं कांच की बोलते और बल्ब

मध्य प्रदेश के इन महाशय को है कांच खाने की आदत, बड़े ही आराम से चबा जाते हैं कांच की बोलते और बल्ब

नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसे इंसान हैं जो अजीबो-गरीब शौक रखते हैं। इन लोगों के लिए यह शौक होता है लेकिन देखने या सुनने वाले को यह घटना हैरत में डाल देती है। मामला मध्य प्रदेश ( madhya pradesh ) के डिंडौरी जिले के शहपुरा का है जहां के रहने वाले दयाराम साहू ( Dayaram Sahu ) को यह अजीब शौक है। दयाराम साहू बड़ी ही आसानी से कांच की चीज़े जैसे कि बोतल, बल्ब के टुकड़े करके खा जाते हैं।

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दयाराम साहू पेशे से वकील ( advocate ) हैं और जब ये कांच खाते हैं तो बड़ी ही सहजता के साथ चबा-चबाकर इसका मज़ा लेकर खाते हैं। दयाराम साहू को कांच खाने की आदत बचपन से ही है। मामले में ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि दयाराम साहू शादीशुदा हैं और उनकी पत्नी उन्हे ऐसा करने से रोकती नहीं हैं। बल्कि वो खुद दयाराम के खाने के लिए कांच का जुगाड़ करती हैं। दयाराम की पत्नी का कहना है कि जब वह शादी के बाद ससुराल आई तो उन्होने दयाराम को चुपचाप बैठे कांच खाते हुए देखा था। उस समय वह इसे देखकर दंग रह गई थीं। कई बार उन्होने अपने पति को रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानें और अब वो अपने पति के खाने के लिए खुद कांच का इंतजाम करती हैं।

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दयाराम का कहना था कि पहले वो एक बार में एक किलो कांच चबा जाते थे लेकिन अब उनके दांत कमज़ोर हो चुके जिसके चलते अब वे ऐसा करना बंद कर देंगे। साथ ही उनका कहना है कि बचपन से ही उन्हे कुछ अलग करने की चाहत थी जिसके बाद उन्होंने कांच खाने को अपना शौक बना लिया। दयाराम कहते हैं कि 14-15 वर्ष की उम्र से उन्हे कांच खाने की आदत लग गई थी।