13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए नई चुनौती दे गया खुदा का ये बंदा, कारनामा सुनने के बाद उड़ जाएंगे होश

जिसे दोहरा पाना किसी अन्य व्यक्ति के लिए चांद से तारे तोड़ने जितना कठिन होगा।

2 min read
Google source verification

image

Sunil Chaurasia

Jul 14, 2018

mecca

दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए नई चुनौती दे गया खुदा का ये बंदा, कारनामा सुनने के बाद उड़ जाएंगे होश

नई दिल्ली। दिल में सच्ची भक्ति और मन में शक्ति हो तो दुनिया की कोई भी मुसीबत किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकती। ईश्वर में ऐसी ही सच्ची भक्ति का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है इंडोनेशिया के मोहम्मद खमीम सेतियावान ने। 28 साल के खमीम ने करीब नौ हज़ार किलोमीटर पैदल चलने का एक नायाब रिकॉर्ड बनाया है, जिसके बाद वे पवित्र मक्का मदीना पहुंचे। जी हां, ये बिल्कुल सच है कि खमीम नौ हज़ार किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा से पवित्र हज को मुकम्मल किया है। खमीम के इस कारनामे से दुनियाभर के लोगों में खलबली मची हुई है।

इस धरती पर रहने वाले प्रत्येक मुसलमान की ये दिली ख्वाहिश होती है कि वह अपने जीवन में कम से कम एक बार तो मक्का ज़रूर जाए। जिसके लिए वह काफी कोशिशें भी करता है, क्योंकि आज के इस ज़माने में लोगों को एक दिन का वक्त निकालना भी काफी भारी पड़ता है। ऐसे में लोग यातायात के तमाम अत्याधुनिक साधनों की मदद से पवित्र मक्का पहुंचते हैं। लेकिन खमीम ने अपनी हज यात्रा में किसी भी प्रकार के वाहन का प्रयोग नहीं किया। साधारण लोगों के लिए असंभव लगने वाली ये पैदल यात्रा खमीम ने हज़ारों मुसीबतों से पार पाने के बाद पूरी की होगी।

लोगों का मानना है कि खुदा ने खमीम के फौलादी इरादों का पूरा साथ दिया है, जिससे वह इस असंभव कारनामे को पूरा कर पाया। खमीम द्वारा पूरी की गई नौ हज़ार किलोमीटर की पैदल हज यात्रा अपने आप में एक अजूबे से कम नहीं है। जिसे दोहरा पाना किसी अन्य व्यक्ति के लिए चांद से तारे तोड़ने जितना कठिन होगा। लेकिन हां, इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि खमीम जैसे चट्टानी इरादे रखने वाला शख्स इसे दोहरा भी सकता है। वो कहते हैं न कि ऊपरवाले की चौखट पर पहुंचने के लिए भी नसीब होना चाहिए, लगता है खमीम के नसीब में खुदा ने ये चमत्कारी यात्रा भी लिखी हुई थी।