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यहां पूरे गांव में सिर्फ पांच घरों में हो रही है ऐसी अजीबोगरीब हरकतें, दशहत में कट रही है जिंदगी

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के ढोकलिया गांव के बारे में जहां कुछ ऐसी घटनाएं घट रही हैं जिसके चलते लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।

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Arijita Sen

Jun 20, 2018

Fire

यहां पूरे गांव में सिर्फ पांच घरों में हो रही है ऐसी अजीबोगरीब हरकतें, दशहत में कट रही है जिंदगी

नई दिल्ली। दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जहां कुछ न कुछ ऐसा होता रहता है जिसके बारे में सुनकर हम अचंभित हो जाते हैं। कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जो वैज्ञानिक तर्क से बहुत आगे हैं। ऐसा क्यों होता है? और कैसे होता है? इन सवालों का जवाब अभी भी नहीं मिल पाया है। आज हम आपको अपने देश की ही एक ऐसी अजीब घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि वाकई में बेहद चौंकाने वाली है।

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के ढोकलिया गांव के बारे में जहां कुछ ऐसी घटनाएं घट रही हैं जिसके चलते लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।

बता दें ढोकलिया ग्राम के चारण समाज में पांच ऐसे घर हैं जहां अचानक खुद ब खुद आग लग जाती है। यहां सिर्फ इन पांच घरों में ही इस तरह की घटनाएं घट रही हैं। कभी टीवी जल जाती है तो कभी फ्रिज में आग लग जाती है। हालांकि आज तक इससे किसी भी इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

यहां लोगों का कहना हैं कि घर में सबकुछ सामान्य है लेकिन अचानक जलने की बू आने लगती है। कभी सोफा जलता हुआ मिल जाता है तो कभी पलंग पर बिछी चादर आग की लपटों से झुलस जाती है। इस वजह से यहां गांव के लोग हमेशा डरे हुए रहते हैं। अचानक आग लगने की इस गुत्थी को अब तक कोई नहीं सुलझा पाया है। ढोकलिया गांव के निवासियों का इस चक्कर में खाना-पीना दुश्वार हो गया है। यहां रहने वाले इंसान चैन की नींद को भी तरस रहे हैं।

बता दें अब तक शिवसिंह, महेशसिंह, बद्रीसिंह और महिपालसिंह के घरों में यह हादसा हो चुका हैं। इन घरों में कभी महिलाओं के पहने हुए कपड़ों में आग लग जाती है तो कभी घर की छत पर सूखने के लिए रखी गई तिल्ली की फसल में आग लग जाती है। आग लगने पर परिजन दौड़कर जाते हैं और उस पर पानी डालते हैं जिससे वह बुझ जाती है।

आखिर ऐसा क्यों होता है? इस सवाल का जवाब किसी के पास भी नहीं हैं। कुछ लोग इसे दैवीय प्राकेप मानते हैं। वहीं कुछ इसे जादू-टोना से जोड़कर देखते हैं, लेकिन सोचने वाली बात तो ये हैं कि 21वीं सदी में भी इन घटनाओं को प्रकोप या तंत्र-मंत्र का दुष्प्रभाव समझना वाकई में अद्भूत है।