
Ratangarh Mata Temple
नई दिल्ली। देश में देवी मां के कई ऐसे चमत्कारिक मंदिर हैं जिसकी महिमा को जान हर कोई हैरान रह जाता है। मां का ऐसा ही एक अद्भुत धाम मध्य प्रदेश से करीब 55 किलोमीटर दूर रामपुरा गांव के पास स्थित है। इसका नाम रतनगढ़वाली माता का मंदिर है। कहते हैं ये मंदिर इतना सिद्ध है कि यहां कि मिट्टी में भी चमत्कारिक गुण हैं। अगर किसी को जहरीले जीव ने डंस लिया हो तो यहां की मिट्टी चटाने से रोगी तुरंत स्वस्थ हो जाता है। इसी मान्यता के चलते यहां दूर—दूर से भक्त दर्शन करने को आते हैं।
कहा जाता है कि जहरीले जीव का जहर भी माता के चमत्कार के सामने बेअसर साबित होता है। मंदिर प्रांगढ़ की मिट्टी को लोग भभूत के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। मंदिर से जुड़ी एक कथा भी प्रचलित है। बताया जाता है कि करीब चार सौ साल पहले जिले में तानाशाह अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण किया था। उसने सेंवढ़ा से रतनगढ़ आने वाले पानी को बंद कर दिया था। तब राजा रतन सिंह की बेटी मांडुला और उनके भाई कुंवर गंगाराम देव ने इसका विरोध किया था। उन्होंने भीषण जंगल में जल समाधि ले ली थी। तभी से माता रतनगढ़ और भाई कुंवर देव इस मंदिर में पूजे जाते हैं। उसी समय से यहां सर्पदंश से पीड़ित लोगों का जहर भी उतारा जाता है।
यह मंदिर पवित्र स्थान सिंध नदी के किनारे स्थित है। मंदिर में देवी मां के दर्शन के अलावा कुंवर महाराज की भी पूजा की जाती है। इंसानों के अलावा जो पशु बीमार होते हैं उनका भी इलाज इस मंदिर में होता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर भाई दूज के दिन पशु को बांधने वाली रस्सी देवी मां के पास रखी जाए। इसके बाद उस रस्सी से दोबारा पशु को बांधा जाए तो वे जल्दी ठीक हो जाते हैं।
Published on:
30 Nov 2020 05:53 pm
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