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नई दिल्ली। संगीत सुनना भला किसे पसंद नहीं। कोई रुहानी संगीत पसंद करता है तो कोई और किसी खास किस्म का। हर किसी का संगीत सुनने का अपना टेस्ट है। एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि युवाओं में समूह में बैठकर संगीत सुनने की आम आदत होती है।
लेकिन समूह में बैठकर दर्द भरा संगीत सुनने और गमगीन बात करने से लोगों को और ज्यादा उदासी महसूस होती है। आस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी से ताल्लुक रखने वाली रिसर्चर सैंड्रा गैरिडो ने कहा, “शोध का यह निष्कर्ष अवसादग्रस्त लोगों को संगीत का उपयोग करने के बारे में काफी खास जानकारी मुहैया कराता है।
उन्होंने कहा, “संवेदनशील व्यक्तियों को समूह में एक साथ चिंतन करने से नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में लोगों के अंदर नकारात्मक विचार व भावनाएं बढ़ने की ज्यादा संभावना रहती हैं। जो कि काफी महत्वपूर्ण है।
इस शोध में यह भी मालूम हुआ कि समूह के बीच बैठकर प्रेरक और आनंददायक संगीत सुनने या सुखद जीवन के बारे में हो रही चर्चाओं में शामिल होने से लोगों को अच्छा महसूस होता है। इस शोध का निष्कर्ष ‘फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी’ में प्रकाशित हो चुका है।
इसलिए जब भी आप समूह में बैठकर गाने सुने और वहां कोई नकारात्मक चीजों पर चिंतन करे तो उससे परहेज कीजिएगा वरना ये न सिर्फ आपके लिए परेशानी का सबब बनेगा बल्कि आपके आसपास के लोगों के लिए भी बुरा साबित हो सता है।
इसके अलावा आप को एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि आपके करीबियों को भी किसी तरह की नकारात्मकता का अहसास न हो क्योंकि किसी भी इंसान के लिए मानसिक अवसाद उसकी जिंदगी को तबाह कर सकता है।
Updated on:
22 Nov 2019 04:03 pm
Published on:
22 Nov 2019 04:02 pm
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