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अनंत ब्रह्मांड में वैज्ञानिकों ने खोजी पृथ्वी जैसी ‘दुनिया’

जय विज्ञान : ‘सुपर-अर्थ’ करती है बौने लाल तारे की परिक्रमा, जीवन की संभावना

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अनंत ब्रह्मांड में वैज्ञानिकों ने खोजी पृथ्वी जैसी ‘दुनिया’

अनंत ब्रह्मांड में वैज्ञानिकों ने खोजी पृथ्वी जैसी ‘दुनिया’

वॉशिंगटन. अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने अनंत ब्रह्मांड में ‘सुपर-अर्थ’ की खोज की है। उनका कहना है कि वहां पृथ्वी की तरह जीवन हो सकता है। यह नई दुनिया पृथ्वी से 137 प्रकाश वर्ष दूर है और पृथ्वी से डेढ़ गुना बड़ी है। यह ऐसे बौने और लाल तारे का चक्कर लगा रही है, जो सूर्य से थोड़ा छोटा और काफी ठंडा है। इस ग्रह पर सिर्फ 19 दिन में एक साल पूरा हो जाता है।

वैज्ञानिकों ने इस एक्सोप्लेनेट का नाम टीओआइ-715-बी रखा है। जिस तरह पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है, यह बौने लाल रंग के तारे के चारों ओर घूम रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस एक्सोप्लेनेट पर पानी हो सकता है। ऐसे में जीवन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। नासा की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक एक्सोप्लेनेट के बारे में और जानकारियां एकत्रित कर रहे हैं। इनमें सतही जल की मौजूदगी के अलावा इंसानों लायक उपयुक्त वातावरण की जानकारी शामिल है।

सैटेलाइट की मदद से किया गया खुलासा

वैज्ञानिकों ने ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस)) के जरिए इस नए एक्सोप्लेनेट की खोज की। यह सैटेलाइट ग्रहों का पता लगाने और उनके अध्ययन में मदद करता है। नासा के वैज्ञानिक जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा एक्सोप्लेनेट की विस्तृत जांच की योजना बना रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि रहने योग्य दुनिया की खोज की दिशा में टीओआइ-715-बी ग्रह आशाजनक विकल्प है।

खोज इसलिए है महत्त्वपूर्ण

वैज्ञानिकों के लिए यह सवाल अब भी पहेली है कि सिर्फ पृथ्वी पर जीवन है या किसी और ग्रह पर कोई प्रजाति रहती है? अगर एलियन न भी हों तो भी सवाल है कि क्या ब्रह्मांड में कोई ग्रह पृथ्वी की तरह है? इन सवालों की दृष्टि से टीओआइ-715-बी की खोज महत्त्वपूर्ण है। नासा ने इसे रहने योग्य ग्रहों की सूची में जोड़ा है। इसे वेब टेलीस्कोप के जरिए देखा जा सकता है।