
इसलिए दक्षिण और पूर्व दिशा में पैर रखकर सोने की है मनाही, शास्त्रों के साथ-साथ विज्ञान ने भी दे डाली चेतावनी
नई दिल्ली। दिनभर की थकान को मिटाने और खुद को अगले दिन के लिए रिचार्ज करने के लिए रात में 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। उचित मात्रा में नींद लेने से शरीर के साथ-साथ हमारा दिमाग भी स्वस्थ रहता है। अब जैसा कि जानते हैं कि हर चीज के अपने कुछ नियम होते हैं। नींद के साथ भी कुछ ऐसा ही है।
अकसर घर के बड़ों के मुंह से आपने यह सुना होगा कि इस दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए या उस दिशा में पैर नहीं करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए।
इन दिशाओं में सिर रखकर सोने से लंबी आयु प्राप्त होती है और इसके साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। शास्त्रों में इस बात की मनाही है कि उत्तर या पश्चिम दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।
विज्ञान का इस बारे में कहना है कि जब हम पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तो यह वाकई में कई बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है। जैसा कि हम जानते हैं कि सौर जगत ध्रुव पर आधारित है। ध्रुव के आकर्षण के फलस्वरूप प्रगतिशील विद्युत प्रवाह दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर हमारे सिर में प्रवेश करता है और पैरों के रास्ते निकल जाता है। इससे सुबह जब हमारी आंख खुलती है तो हमारा दिमाग विशुद्ध वैद्युत परमाणुओं से परिपूर्ण एवं स्वस्थ हो जाता है।
इसके साथ-साथ ऐसा इसलिए भी करने को मना किया जाता है क्योंकि दक्षिण दिशा में पैर और उत्तर दिशा में सिर करके अकसर शवों को लिटाया जाता है।
जब एक जीवित व्यक्ति इस पोजीशन में रात को सोता है तो उसे बुरे सपने आते हैं, नींद पूरी नहीं हो पाती है, मध्य रात्रि में आंख खुल जाती है।
इसीलिए बड़े-बुजुर्गों द्वारा कही गई बातों को अकसर अंधविश्वास कह कर डाल देना बिल्कुल भी उचित नहीं है क्योंकि साइंस हर एक चीज या नियम के पीछे छिपा हुआ रहता है।
Published on:
24 Dec 2018 09:58 am
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