सतना. गर्मी के मौसम में बादलों ने बारिश की झड़ी लगाई तो मई में बहार आ गई। बिना मौसम जुलाई अगस्त जैसी हो रही झमाझम बारिश से मई में ही जून की बारिश का कोटा पूरा हो गया है। गर्मी गायब है और रात में मौसम ठंड का अहसास करा रहा है। बिन मौसम लगातार हो रही बारिश ने किसानों की मुश्किले बढ़ा दी है। गर्मी में लगी बरसात ने ग्रीष्मकालीन मौसमी खेती बुरी तहर प्रभावित हो रही है। 15 दिन से बिगड़े मौसम के मिजाज के कारण किसान गेहूं की गहाई नहीं कर पा रहे है। तेज बारिश के कारण खलिहानों में रखी गेहूं की फसल खराब हो रही है।
दो माह में चार इंच बारिश दर्ज
जिले के किसान रामऔतार सिंह का कहना है कि प्रकृति तेजी से बदल रही है। इससे मौसम का क्रम बिगड़ गया है। मई में आंधी तूफान हर साल आता है, हल्की वर्षा भी होती थी। लेकिन मई में ऐसी झमाझम बारिश उन्होंने विगत 50 साल में कभी नहीं देखी। मौसम विभाग से मिले आकड़े के अनुसार विगत दो माह में अब तक जिले के 89 मिमी मीटर बारिश दर्ज हो चुकी है, बिन मौसम लगातार हो रही बारिश से इस साल मई में ही जून में होने वाली औसत बारिश का कोटा पूरा हो गया है। इससे मानसूरी बारिश का क्रम बिगड़ सकता है।
तरबूज की खेती प्रभावित
बिन मौसम हो रही झमाझम बारिश की बससे अधिक मार गर्मी में मौसमी खेती करने वाले किसानों पर पड़ी है। मई में हो रही तेज बारिश से तरबूज की फसल को भारी नुकसान हुआ है। गर्मी में ठंड के अहसास से बाजार में तरबूज की खपत कम हो गई है। वहीं बारिश से खेतों में तैयार खड़ी फसल सड़ रही है। इससे तरबूज व खीरा ककड़ी की खेती करने वाले किसानों को इस साल गर्मी की खेती से लगात निकालना मुश्किल हो गया है।