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दुनिया में मिलने वाली अजीबोगरीब सजाएं, जिन्हें जानने के बाद चकरा जाएगा सिर

हर देश के अपने नियम और कानून होते हैं। उन देशों में रहने वाले लोगों को इन नियमों का पालन करना होता है। वहीं ऐसा नहीं करने पर उन्हें सजा सुनाई जाती है। आमतौर पर सजा का मतलब होता है कि ऐसी चीज करने का आदेश दिया जाए, जिसमें आपको कष्‍ट हो। हम आए दिन सुनते हैं कि जुर्म के लिए किसी को जेल की सजा सुनाई गई तो किसी को भारी जुर्माना भरने की सजा दी गई। लेकिन दुनिया में कई लोगों को ऐसी अजीबोगरीब सजा दी गई है, जिसके बारे में जानकर आपका सिर चकरा जाएगा। आइए जानते हैं...

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हर देश के अपने नियम और कानून होते हैं। उन देशों में रहने वाले लोगों को इन नियमों का पालन करना होता है। वहीं ऐसा नहीं करने पर उन्हें सजा सुनाई जाती है। आमतौर पर सजा का मतलब होता है कि ऐसी चीज करने का आदेश दिया जाए, जिसमें आपको कष्‍ट हो। हम आए दिन सुनते हैं कि जुर्म के लिए किसी को जेल की सजा सुनाई गई तो किसी को भारी जुर्माना भरने की सजा दी गई। लेकिन दुनिया में कई लोगों को ऐसी अजीबोगरीब सजा दी गई है, जिसके बारे में जानकर आपका सिर चकरा जाएगा। आइए जानते हैं...

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अमरीका के मिसौरी में रहने वाले डेविड बेरी नाम के एक शख्‍स पर हिरण का शिकार करने का आरोप था। दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट ने डेविड बेरी को एक साल तक जेल में रहकर महीने में कम से कम एक बार डिज्‍नी का बाम्‍बी कार्टून देने की सजा सुनाई थी।

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साल 2008 में एंड्रयू वेक्टर नाम का एक शख्स अपनी कार में काफी तेज आवाज में रैप सुन रहा था। जब मामला कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने एंड्रयू को 20 घंटे तक बीथोवन, बाख और शोपेन का शास्त्रीय संगीत सुनने का आदेश दिया था। हालांकि वह सिर्फ 15 मिनट की संगीत सुन पाया।

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अमेरिका के ओक्‍लाहोमा में हाईस्‍कूल के छात्र टाइलर एलरेड को दोस्‍त की मौत का दोषी पाया गया था। टाइलर शराब पीकर कार चला रहा था तब उसका दोस्‍त कार की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। इसपर कोर्ट ने टाइलर एलरेड को साल भर के लिए ड्रग, शराब और निकोटिन टेस्ट करवाने का आदेश दिया। साथ ही 10 साल तक चर्च जाने का फैसला सुनाया था।

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साल 2003 में शिकागो की एक अदालत ने जेसिका लांग और ब्रायन पैट्रिक को अपने गृहनगर में एक गधे के साथ मार्च करने का आदेश दिया था। मार्च के साथ उन्हें एक पोस्टर भी अपने साथ रखना पड़ा। जिसपर लिखा था, बेवकूफीभरे अपराध के लिए खेद है। दरअसल, दोनों पर क्रिसमस की पूर्व संध्‍या पर चर्च से बाल ईसा मसीह की मूर्ति चुराने का आरोप था।

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स्पेन की अदालत ने 25 साल का युवक अपने माता-पिता की शिकायत लेकर पहुंचा। उसका कहना था कि वह हर महीने 355 पाउंड जेब खर्च मांग रहा था लेकिन मम्‍मी-पापा ने नहीं दिया। इसपर कोर्ट ने युवक को ही सजा सुनाते हुए 30 दिन के अंदर अपने माता-पिता का घर छोड़ने और अपने पैरों पर खड़ा होने की सजा दी।