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घने जंगलों में से होकर, सांपों के जहरीले फन से बचकर लोग करते हैं इस गुफा की यात्रा, वजह है चौंकाने वाली

नागद्वारी की यात्रा के दौरान रास्ते में कई जहरीले सांप मिलते हैं, लेकिन यहां आने वाले भक्तों को ये सांप कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

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Arijita Sen

Jun 15, 2018

Nagdwar

घने जंगलों में से होकर, सांपों के जहरीले फन से बचकर लोग करते हैं इस गुफा की यात्रा, वजह है चौंकाने वाली

नई दिल्ली। हमारे देश में ऐसी कई सारी जगहें हैं जो कि रहस्यों से भरी हुई। आज भी इन रहस्यों का उजागर नहीं हो सका है। आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। ये एक ऐसी जगह है जहां नागदेवता का वास है। हम यहां बात कर रहे हैं एक ऐसे नागद्वार की जो कि मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी के घने जंगलों में स्थित है। इस नागद्वार तक पहुंचने के लिए काफी चढ़ाई करनी पड़ती है और तो और बारिश में भीगे जंगलों में से होकर गुजरना पड़ता है।

इस नागद्वार का दर्शन करने के लिए आपको साल भर इंतजार करना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सतपुड़ा एक टाइगर रिजर्व क्षेत्र है।रिजर्व फारेस्ट प्रबंधन यहां जाने वाले रास्ते का गेट बंद कर देता है। हर साल नागपंचमी के दिन यहां एक मेला लगता है। इसमें भाग लेने के लिए लोग कड़ी चुनौतियों का सामना कर यहां तक पहुंचते हैं।

आपको बता दें नागद्वारी के अंदर चिंतामणि की गुफा है। करीब 100 फीट लंबी इस गुफा में नागदेव की कई सारी मूर्तियां हैं। इस गुफा से लगभग आधे किलोमीटर की दूरी पर स्वर्गद्वार है। स्वर्गद्वार में भी कई सारी मूर्तियां रखी हुई हैं। लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि जो लोग नागद्वार का दर्शन करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।

सबसे हैरान कर देने वाली और डरावनी बात तो ये है कि नागद्वारी की यात्रा के दौरान रास्ते में कई जहरीले सांप मिलते हैं, लेकिन हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि यहां आने वाले भक्तों को ये सांप कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। नागद्वारी तक जाने के लिए श्रद्धालु सुबह से अपनी यात्रा शुरू करते हैं और करीब 12 किलोमीटर पैदल चलकर दो दिन में इसे पूरा करते हैं।

बता दें कि सावन में नागपंचमी के 10 दिन पहले से ही यहां कई राज्यों से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है। खासतौर से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से यहां भक्तों का जमावड़ा लगने लगता है।