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आखिर किसकी है ये रहस्यमयी परछाई, 75 साल से नहीं सुलझ सका राज

हिरोशिमा ( Hiroshima ) में एक जगह पर इंसान जैसी दिखने वाली परछाई पिछले 75 सालों से सबके लिए ऐसी गुत्थी बनी हुई है जो सुलझने का नाम ही नहीं ले रही।

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The shadows of Hiroshima

The shadows of Hiroshima

नई दिल्ली। इतिहास में हिरोशिमा ( Hiroshima ) का जिक्र इस बात के लिए ज्यादा किया गया है कि यहां अमेरिका ने परमाणु बम से हमला किया था। यह विध्वंसक घटना छह अगस्त 1945 को घटी थी। लेकिन इसी शहर में एक जगह पर इंसान जैसी दिखने वाली परछाई पिछले 75 सालों से सबके लिए रहस्य ही बनी हुई है।

इस परछाई को 'द हिरोशिमा स्टेप्स शैडो' या 'शैडोज ऑफ हिरोशिमा' ( The shadows of Hiroshima ) के नाम से जाना जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु हमला किया थातो इस जोरदार धमाके ने यहां कई लाख लोगों की जान ले ली थी।

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यह अजीबगरीब परछाई धमाके वाली जगह से 850 फीट की दूरी पर खींची गई थी, जहां कोई व्यक्ति बैठा हुआ था। इस बारे में यहां एक किस्सा बड़ा ही मशहूर कुछ यूं हैं कि परमाणु बम ने भले ही उस व्यक्ति को तो पूरी तरह से मिटा दिया, लेकिन उसकी परछाई मौजूद रह गई।

हालांकि इस परछाई ( The Hiroshima Steps Shadow ) की हकीकत क्या है इस बारे में भी कुछ भी पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता। इस वास्तविकता की कभी पहचान नहीं हो सकी कि आखिर परछाई ( Shadows ) में दिख रहा व्यक्ति कौन था, जो वहां पर बैठा हुआ था।

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एक अनुमान के मुताबिक, हिरोशिमा परमाणु विस्फोट ( Hiroshima Nuclear Explosion ) में लगभग एक लाख 40 हजार लोगों की मौत हुई थी। जबकि बाद में परमाणु विकिरण ( Nuclear Radiation ) संबंधी बीमारियों की वजह से कई हजारों लोगों की मौत हो गई थी।