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लोहे जैसी सख्त है इन जानवरों की स्किन! खतरनाक हमलों का भी नहीं होता असर

जिस तरह से बुलेट प्रूफ जैकेट इंसानों को बाहरी खतरनाक हमलों से सुरक्षा प्रदान करती है। आज हम आपको ऐसे जानवरों के बारे में बताएंगे जिनकी स्किन किसी बुलेट प्रूफ जैकेट से कम नहीं है। इनपर गोली लगने का भी कोई असर नहीं होता है।

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जिस तरह से बुलेट प्रूफ जैकेट इंसानों को बाहरी खतरनाक हमलों से सुरक्षा प्रदान करती है। आज हम आपको ऐसे जानवरों के बारे में बताएंगे जिनकी स्किन किसी बुलेट प्रूफ जैकेट से कम नहीं है। इनपर गोली लगने का भी कोई असर नहीं होता है।

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मगरमच्छ : सबसे पहले बात करते हैं पानी में रहने वाले मगरमच्छ ही जोकि बेहद खूंखार और अप्रत्याशित जीव होते हैं। एक वयस्क मगरमच्छ की चमड़ी, किसी बॉडी आर्मर या बुलेट प्रूफ जैकेट जैसी होती है। जिसपर गोली का कोई असर नहीं होता। मगरमच्छ की चमड़ी को स्कूट्स कहते हैं जो केराटीन से बनती है।

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गैंडा : गैंडे का सींघ देखकर अन्य जानवर भी डर जाते हैं। हालांकि सींघ के साथ ही इनकी चमड़ी भी बेहद खास होती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गैंडे की चमड़ी 2 इंच तक मोटी होती है। हालांकि इन्हें सनबर्न बहुत जल्दी होता है। इसलिए ये शरीर पर गीली मिट्टी लगाए रखते हैं।

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हाथी : इस लिस्ट में हाथियों का नाम भी शामिल है। हाथी की स्किन 1 इंच तक मोटी होती है। हालांकि इनके कान के पास की चमड़ी हल्की होती है। मोटी स्किन से वो खुद को शिकारियों से बचाता है।

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ऊंट : आपने रेगिस्तान के जहाज ऊंट को मेलों में देखा होगा और उसकी चमड़ी पर भी गौर किया होगा। ऊंटों को गर्म रेगिस्तान में रहना पड़ता है जो रात में काफी ठंडे हो जाते हैं। इस वजह से उनकी चमड़ी इस बदलते मौसम में भी उनका साथ देती है।

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व्हेल शार्क : व्हेल शार्क्स 33 फीट तक लंबी होती हैं। इनकी चमड़ी ग्रे होती है और उसपर सफेद धब्बे होते हैं। इसकी चमड़ी 4 इंच तक मोटी होती है। टाइगर शार्क, ग्रेट व्हाइट शार्क या किलर व्हेल्स से बचने में इसकी चमड़ी मददगार साबित होती है।

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बाइसन : जंगली गाय या भैंस की प्रजाति का ये जीव बेहद कठोर चमड़ी वाला होता है। जब तापमान कम होता है, तो इसकी चमड़ी और भी ज्यादा सख्त हो जाती है, जिससे ये ठंडी जगहों पर आसानी से रह सके।

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स्पर्म व्हेल : ये मछली 40 से 52 फीट तक लंबी होती हैं। यही कारण है कि इनसे पंगा लेने से पहले अन्य जानवरों को सोचना पड़ता है। क्योंकि उन्हें स्पर्म व्हेल की 13.5 इंच मोटी चमड़ी से निपटना पड़ता है।