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​पक्षियों से दोस्ती के लिए साइंटिस्ट ने खोजा गजब तरीका, पहन लिया चिड़िया का मुखौटा

यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के असोशिएट प्रोफेसर तोशीताका सुजुकी ने बताया कि उनके सहकर्मी साइंटिस्ट ने टिट्स चिड़िया पर रिसर्च करने के लिए एक साल तक पक्षियों का मुखौटा पहना। इसके जरिए वो चिड़ियों की आवाज पर रिसर्च करना चाहते थे। रिपोर्ट के मुताबिक ये तस्वीर जापान के नागानो पर्फेक्चर में खींची गई है।

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दुनिया में अक्सर ही अजीब-अजीब चीजें देखने को मिल जाती हैं। वहीं अगर साइंटिस्ट की बात करें तो वह हमेशा ही अपनी रिसर्च के लिए कोई न कोई कारनामा करते रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही साइंटिस्ट के बारे में बताएंगे जिसने रिसर्च के नाम पर कुछ ऐसा कर दिया जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। दरअसल, जापान के इस साइंटिस्ट ने करीब एक साल तक चिड़िया का मुखौटा पहन कर रखा। ऐसा करने के पीछे उनका मकसद चिड़ियों से दोस्ती करना था।

ऑडिटी सेंट्रल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो (University of Tokyo) के असोशिएट प्रोफेसर तोशीताका सुजुकी (Toshitaka Suzuki) ने हाल ही में एक वीडियो ट्विटर एक्स पर शेयर की है। जो उनके सहकर्मी साथी प्रोफेसर की है। मजेदार बात ये है कि इस पोस्ट में एक शख्स बैठा हुआ नजर आ रहा है जिसने पक्षी का मुखौटा लगा रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक ये तस्वीर जापान के नागानो पर्फेक्चर में खींची गई है।

बता दें कि प्रोफेसर सुजुकी के साथ प्रोफेसर टिट्स चिड़िया पर रिसर्च कर रहे थे। इसलिए वह पक्षियों से दोस्ती करना चाहते थे और उन्होंने यह मुखौटा पहना हुआ है। खुद प्रोफेसर सुजुकी ने बताया कि पक्षी का मुखौटा पहनकर वह जंगल जाते थे और उनको अपनी ओर आकर्षित करते थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि कई दिनों तक चले अपने इस शोध के लिए उन्होंने एक साल तक पक्षी का मुखौटा पहने रखा।

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दरअसल, वैज्ञानिक ने ये गौर किया कि पक्षियों की कई ऐसी प्रजातियां भी हैं जो इंसानों के चेहरों को पहचान लेती हैं। जब वो उन इंसानों को देखती हैं, तो चहकना छोड़कर परेशान होने वाली आवाज निकालने लगती हैं। उन्हें लगा कि वो भी टिट्स चिड़िया की ब्लैकलिस्ट में आ चुके हैं, इस वजह से उन्होंने मुखौटा पहनना शुरू कर दिया। इसके जरिए वो चिड़ियों की आवाज पर रिसर्च करना चाहते थे।


रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वैज्ञानिक पहले यूं ही पक्षियों के घोंसलों में जाकर उनके बच्चों पर रिसर्च करते थे और घोंसले के काफी पास जाकर उनकी आवाज पर रिसर्च करते थे। हलांकि चिड़िया उनका चेहरा पहचान जाती थी और शोर मचाने लगती थी। इसलिए उन्होंने मुखौटा पहनना शुरू कर दिया। हालांकि इस एक्सपेरिमेंट में वह फेल हो गए। प्रोफेसर सुजुकी ने बताया कि उनके सहकर्मी जब भी मुखौटा पहनने के पक्षी के पास जाते थे, तो वो परेशान होने वाली आवाज में बोलने लगती थी।

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