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कमाल का है यह रोबोट, करेगा गंदगी का सफाया

आईआईटी मद्रास के छात्रों की एक टीम ने गंदगी को साफ करने वाला एक रोबोट बनाया है।

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Amanpreet Kaur

Nov 01, 2017

cleaning robot

cleaning robot

आईआईटी मद्रास के छात्रों की एक टीम ने गंदगी को साफ करने वाला एक रोबोट बनाया है। इस रोबोट ने चेन्नई में आयोजित एक प्रतियोगिता में इतनी तेजी से सफाई की कि वह एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स के प्रतिनिधियों के सामने कीर्तिमान बनाने में सफल रहा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे साफ-सफाई को बढ़ावा मिलने के साथ स्वच्छता मिशन को भी मजबूती मिलेगी।

मात्र 15 मिनट में 850 वर्गफुट जमीन की सफाई

क्या गंदगी से राहत दिलाने में रोबोट हमारी मदद कर सकता है, विषय पर आईआईटी मद्रास में आयोजित सीएफआई वर्कशॉप में अलग-अलग ट्रेड के 270 छात्र शामिल हुए। वहीं पर छात्रों के समूह की ओर से बनाए गए 45 रोबोट्स ने यह करिश्मा कर दिखाया। प्रतियोगिता के दौरान रोबोट्स की मदद से सफाई अभियान चलाया गया। 15 मिनट में 750 वर्ग फुट जमीन की सफाई करने में रोबोट सफल रहा।

रिकॉर्ड दर्ज...

वर्कशॉप में रोबोट्स की क्षमता का आकलन करने के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स के प्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद थे। जिसमें सबसे तेज सफाई का इसने रिकॉर्ड बनाया।

आरपीएम मोटर से लैस

इस रोबोट के केन्द्र में आरपीएम मोटर का इस्तेमाल किया गया है। इसमें दो रोटेटिंग स्क्रब पैड्स लगाए गए हैं, ताकि धूल कणों को साफ करने में मदद मिले। इसे चलाने पर फिल्टर के जरिये धूलकणों को रोबोट के सुरंग में जमा किया जाता है। रोबोट्स को एंड्रायड बेस्ड एप्लिकेशन वाले मोबाइल और ब्लूटूथ से नियंत्रित किया जा सकता है। एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स के प्रतिनिधियों ने इसकी तेज क्षमता से साफ करने की काबिलियत के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी कर दिया। अंतिम सर्टिफिकेट वैज्ञानिक अध्ययन व जांच के बाद दिया जाएगा।

यह है मकसद

आईआईटी मद्रास के छात्रों का कहना है कि रोबोट को तैयार करने के पीछे उनका मुख्य मकसद स्वच्छता को बढ़ावा देना है, ताकि केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान को स्थायित्व मिल सके और लोगों में साफ सफाई को लेकर जागरुकता ज्यादा बढ़े। इसका सबसे बड़ा फायदा उन कामकाजी लोगों को मिलेगा, जिनके पास समय नहीं है और इस वजह से वह खुद सफाई नहीं कर पाते। ऐसे लोग इसकी मदद से आसानी से गंदगी की समस्या का निदान कर सकेंगे। छात्रों ने यह भी कहा कि हमने रिकॉर्ड के बारे में तो सोचा ही नहीं था। यह सोने पर सुहागा जैसा है।