
सांसद, गायक, खिलाड़ी बनकर लड़कियों ने ऐसे रोशन किया खुद का नाम, आजादी के 3 दशकों तक था यह इकलौता पब्लिक स्कूल
नई दिल्ली। आज के दौर में भी कई स्थानों पर पर्दा प्रथा का प्रचलन है। इस पर्दा प्रथा में हिंदू और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को पुरुषों और अजनबियों के सामने आने पर घूंघट या बुर्का से खुद का चेहरा ढकना होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पर्दा प्रथा के चंगुल से लड़कियों को आजाद कराने के लिए एक स्कूल पिछले 75 सालों से काम कर रहा है। खास बात यह है कि यहां से निकली लड़कियों ने हर क्षेत्र में पहचान बनाई है, चाहे राजनीति हो, सेना हो, प्रशासनिक सेवा, खेल या कला एवं संस्कृति ही क्यों न हो। इस स्कूल का नाम है महारानी गायत्री देवी स्कूल।
लोकसभा अध्यक्ष ने भी पढ़ा है इस स्कूल से
राजस्थान के जयपुर में स्थित इस स्कूल की शुरूआत महारानी गायत्री देवी के प्रयास से 1943 में हुई थी। बता दें कि इसी स्कूल की एक छात्रा मीरा कुमार पांच बार सांसद रहीं और 2009-14 के दौरान वह लोकसभा अध्यक्ष रही हैं। रजनीगंधा शेखावत (1980 बैच) एक प्रसिद्ध सूफी गायक रह चुकी हैं। 1959 बैच की सावित्री केंडी 1967 में भारतीय विदेश सेवा में जाने वाली राजस्थान की पहली महिला बनी थीं। इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली अपूर्वी चंदेला और ओलंपिक ट्रैप शूटिंग में जाने वाली पहली महिला शगुन चौधरी भी इसी स्कूल से हैं।
प्रतिभाओं को निखारने में आगे है स्कूल
खास बात यह है कि प्रतिभाओं को निखारने के मामले में स्कूल बहुत आगे है। मनष्वी कट्टा, यशस्वी कट्टा और मानवी गरगोटी जूनियर आईपीएल क्रिकेट में चुनी गईं और वसुंधरा चंद्रावत को इसी साल बांग्लादेश में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय कराटे टूर्नामेंट के लिए चुना गया है।
महारानी को ऐसे आया था ख्याल
राजमाता गायत्री देवी द्वारा शुरू किए गए स्कूल का विचार सबसे पहले तब आया, जब जयपुर के राजा सवाई मान सिंह कूच बिहार की राजकुमारी आयशा (गायत्री देवी) से विवाह कर उन्हें घर लाए। वैश्विक दृष्टिकोण और सोच वाली उच्च शिक्षित रानी लड़कियों को पर्दा प्रथा में जीवन बिताते देख बहुत दुखी हुईं। ऐसे में उन्होंने राजा को लड़कियों के लिए स्कूल खोलने की सलाह दी। उनके अनुसार, जब लड़कियां स्कूल जाने लगेंगी तो कुछ सालों में पर्दा प्रथा खत्म हो जाएगी। इसके अलावा महारानी ने खुद सभ्रांत लोगों से उनकी बेटियों को स्कूल भेजने का आग्रह किया। इसके बाद पहले साल 24 लड़कियां के साथ स्कूल शुरू हुआ। बता दें कि 'महारानी गायत्री देवी स्कूल' 1976 तक देश में लड़कियों का एकलौता पब्लिक स्कूल था।
Published on:
14 Jan 2019 05:53 pm
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