
बनारस के छात्र ने बनाई ऐसी मशीन गन जो चुन-चुन कर करेगी दुश्मनों पर वार, 4 हजार की लागत से किया निर्माण
नई दिल्ली। इस साल का फरवरी महीना देश और देशवासियों के लिए अच्छा नहीं रहा। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के चलते देश के करीब 40 वीर जवान शहीद हो गए। इस घटना से देश के हर नागरिक को तकलीफ हुई। हाल ही में बनारस के एक छात्र ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है। बनारस के सारनाथ में स्थित एक मैनेजमेंट कॉलेज के छात्र ने Intelligence Machine Gun बनाकर सबको चौंका दिया है। करीब 20 दिन की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार किया गया है।
कौन है यह शख्स
इस युवक का नाम विशाल पटेल है जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। विशाल ने देश के जवानों की सुरक्षा के चलते इस मशीन गन को तैयार किया है। विशाल का ऐसा कहना है कि सीजफायर के दौरान रात के अंधेरे में जब दुश्मन हमला बोलता है तो हमारे कई जवान घायल या शहीद हो जाते हैं। ऐसे में Intelligence Machine Gun के इस्तेमाल से इससे बचा जा सकता है क्योंकि यह दुश्मन को पहचान कर ही फायर करेगी। यह गन अपने जवानों को कभी टारगेट नहीं करगी।
बनाने में खर्च हुए कितने रुपये
अब जाहिर सी बात है कि एक छात्र लाखों-करोड़ों खर्च नहीं कर पाएगा। ऐसे में विशाल ने इस गन को बनाने के लिए कबाड़ से कुछ सामानों इकट्ठा किया। इनमें डिश टीवी बॉक्स जैसी चीजें भी थी जिनका इस्तेमाल ट्रिगर बनाने के लिए किया गया। इस तरह से इस मशीन गन को बनाने में कुल 4 हजार रुपये का खर्च आया।
कैसे करती है काम
विशाल का इस गन के बारे में कहना है कि गन का सर्किट ऑटोमैटिक ऑन रहेगा। जैसे ही कोई इसके सामने आएगा तुरंत कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा। अपने देश के जवानों के यूनिफॉर्म में एक चिप लगा होगा और इस चिप का फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीटर गन में लगा होगा। विशाल कहते हैं कि अपने देश के जवानों के सामने आते ही सर्किट बंद हो जाएगा, लेकिन जब कोई दुश्मन मशीन के सामने आएगा तो अलार्म तुरंत बंद होगा और गन से गोलियां चलने लगेंगी।
4 हजार रुपये से बनी इस मशीन में एक स्टील ड्रम का इस्तेमाल किया गया है जो सामने की ओर लगा हुआ है ताकि इससे बचाव हो सके। इसमें पेयर सेंसर भी है जिससे अगर मशीन के ठीक सामने कोई एक्टिविटी होती है तो गन में लगा हुआ सर्किट ऑन हो जाता है। इसमें आरएफ ट्रांसमीटर को भी फिट किया गया है। इसके अलावा भी ऐसी कई सारी चीजों का इस्तेमाल इसे बनाने के लिए किया गया है।
रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के हेड श्याम चौरसिया ने इस मशीन गन के बारे में बात करते हुए कहा है कि यह एक फ्रीक्वेंसी बेस्ड मॉडल है। इसमें अगर सीसीटीवी लगा दिया जाए तो दुश्मनों की एक्टिविटी पर भी नजर रखी जा सकती है। उनका यह भी कहना है कि बच्चों के इस प्रयास को प्रोत्साहित करना चाहिए।
Published on:
15 Mar 2019 11:10 am
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