
शवयात्रा और अर्थी भी करती है इच्छाएं पूरी, बस करने होते हैं ये चार काम
नई दिल्ली। मौत जीवन का एक कड़वा सच है। जो जीव इस धरती पर आया है, उसे एक दिन यहां से विदा लेना ही होगा। जैसा की आप जानते हैं, किसी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार करने से पहले शवयात्रा निकाली जाती है। शवयात्रा के संबंध में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। अगर किसी की शवयात्रा दिखाई देती है तो हमें 4 शुभ काम जरूर करना चाहिए। मृत्यु उपरांत रिश्तेदार और परिजन मृत को अंतिम विदाई देने के लिए जब श्मशान भूमी लेकर जाते हैं तो उसे शवयात्रा कहा जाता है। क्या आप जानते हैं शवयात्रा और अर्थी आपकी इच्छा पूरी कर सकती है ऐसे में आप अगर ये चार काम करते हैं तो।
पहला काम
हम किसी अनजाने व्यक्ति की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो सकते हैं तो ऐसे में जब शवयात्रा भी हमें, शवयात्रा दिखे तो हमें, रुक जाना चाहिए और पहले शवयात्रा को निकलने देना चाहिए और जब भी कोई शव यात्रा अथवा अर्थी दिखे तो उसे दोनों हाथ जोड़कर, सिर झुका कर प्रणाम करें और मुंह से शिव-शिव का जाप करें।
दूसरा काम
अगर कोई व्यक्ति किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होता है, शव को कंधा देता है तो उसके पुण्य की प्राप्ति होती है। इस पुण्य के असर से पुराने पाप नष्ट होते हैं। इसी मान्यता के कारण अधिकतर लोग शवयात्रा में शामिल होकर शव को कंधा जरूर देते हैं। इस संदर्भ में शास्त्र कहते हैं, जो मृतात्मा संसार छोड़ कर जा रही होती है वह अभिवादन करने वाले व्यक्ति के तन-मन से जुड़े सभी संताप हर कर अपने साथ ले जाती है।
तीसरा काम
जब किसी की यात्रा दिखती है तो राम नाम का जाप करना चाहिए। श्रीरामचरित मानस के मुताबिक राम नाम के जाप से शिवजी अति प्रसन्न होते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा परमात्मा यानी शिवजी में ही विलीन हो जाती है, इस कारण शवयात्रा दिखे तो राम नाम का जाप करना चाहिए, इससे शिवजी की कृपा मिलती है। और आयु लंबी हो जाती है। मनुस्मृति में कहा गया है, शव यात्रा यम के द्वार तक ले जाते समय ध्यान रखें रास्ते में गांव अवश्य आए। शव यात्रा में जाते हुए संसारिक बाते करने की अपेक्षा भगवत नाम सिमरण करें। मृत आत्मा के लिए भजन करें। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शवयात्रा देखना सुखद एवं मंगलमय भविष्य का संकेत देता है।
चौथा शुभ काम
जब भी कहीं शवयात्रा दिखाई देती है तो हमें मौन हो जाना चाहिए। अगर हम कार या बाइक पर हैं तो ऐसे समय पर हॉर्न भी नहीं बजाना चाहिए। ये काम मृत व्यक्ति के प्रति आदर और सम्मान की भावना प्रकट करता है। माना जाता है की शव यात्रा को देखने से अधूरे काम पूरे होने की संभावनाएं बनने लगती हैं, दुखों का नाश और सुखी जीवन का आगाज होता है। अर्थी को कंधा देने से यज्ञ के समान पुण्य लाभ होता है। ब्राह्मण की अर्थी को कंधा देने से व्यक्ति जितने कदम चलता है, उसे उतने यज्ञ का लाभ मिलता है। साधारण जल में डुबकी लगाने से पवित्र हो जाता है।
Published on:
14 Jun 2018 10:33 am
बड़ी खबरें
View Allअजब गजब
ट्रेंडिंग
