
बंदरों को आतंक मचाते अक्सर देखा जाता है। कुछ खाने को नहीं दो तो उन्हें चोरी-छिपे ले जाना या फिर छीन की ले जाना उन्हें बखूबी आता है। खैर इन्हें लेकर हर किसी की अपनी सोच है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जगह ऐसी है जहां बंदरों के लिए मंकी बुफे फेस्टिवल रखा जाता है। इस मौके पर बंदरों को बुलाकर उन्हें दावत दी जाती है। इतना ही नहीं लोग बंदरों के सामने उनके जैसा ही डांस करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन थाईलैंड के लोपबुरी में फ्रा प्रांग सैम योट मंदिर के खंडहरों के बीच इस त्योहर को मनाया जाता है।
शादियों की तरह से लगता है बुफे
जाहिर है कि दुनिया में जितने धर्म और समुदाय हैं, उनकी उतनी मान्यताएं और परंपराए हैं। ऐसी ही एक परंपरा सदियों से थाइलैंड में चली आ रही है मंकी बुफे फेस्टिवल। आसान भाषा में समझाएं तो थाइलैंड के इस त्योहार में बंदरों के लिए शादियों की तरह से बुफे लगता है। इस त्योहार की खासियत ये है कि इसमें किसी जलसे की तरह तैयारी होती है। बुफे में खाने का इंतजाम किया जाता है, सजावट होती है मगर ये सब कुछ इंसानों के लिए नहीं, बंदरों के लिए होता है।
बंदर की वेशभूषा में आते हैं इंसान
त्योहार में बंदरों के लिए पकवान तैयार किया जाता है। ताजे फल, सलाद और थाई मिठाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। यह दावत लोपबुरी के हजारों बंदरों और अफ्रीकी लंगूर के जश्न में आयोजित की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह क्षेत्र और इसके लोगों के लिए सौभाग्य लाता है। इस त्योहार को मंकी बफे फेस्टिवल कहा जाता है। यह एक उद्घाटन समारोह के साथ शुरू होता है, जिसमें बंदर की वेशभूषा में कई इंसान बंदरों के सामने डांस करते हैं।
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बंदरों ने शहर में मचाया है उत्पात
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक समय पर दुनियाभर से पर्यटक यहां घूमने आते थे, जो बंदरों को खाने-पीने की चीजें देते थे। कोरोना महामारी के दौरान लोगों का आना बंद हो गया। जिसके बाद बंदरों ने यहां रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। बंदर अब लोगों की कार में घुस जा रहे हैं, दुकानों से सामान चुरा रहे हैं, खाने और अपने इलाके के लिए आपस में भिड़ रहे हैं।
बंदरों में इंसानों के लिए खौफ खत्म
पिछले लंबे वक्त से यहां के बंदर इंसानों के साथ ही रहते हैं इसलिए अब उनके अंदर से इंसानों के लिए खौफ भी खत्म हो गया है। साल 2020 में कई बंदरों को स्टरलाइज किया गया था जिससे उनकी आबादी पर काबू पाया जा सके मगर ऐसे नहीं हो सका।
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Published on:
03 Aug 2023 10:30 am
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