अजब गजब

चाहती तो राम के लिए और लंबा वनवास मांग सकती थी, लेकिन कैकेयी ने इस वजह से इसे 14 साल तक रखा सीमित

कैकेयी ने इस वजह से राम के लिए 14 वर्ष के वनवास की मांग की। इस बात की खबर कैकेयी को पहले से ही थी।

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Apr 08, 2019
चाहती तो राम के लिए और लंबा वनवास मांग सकती थी, लेकिन कैकेयी ने इस वजह से इसे 14 साल तक रखा सीमित

नई दिल्ली। राजा दशरथ देवता और दानवों के बीच हो रहे युद्ध में देवताओं की सहायता के लिए गए थे। उस वक्त कैकेयी भी उनके साथ गई थी। युद्ध भूमि में दशरथ के रथ का धुरा टूट गया। कैकेयी ने धुरे में अपना हाथ लगाकर रथ को टूटने से बचाया।

युद्ध समाप्त होने के बाद जब राजा दशरथ को इस बारे में पता चला तो उन्होंने खुश होकर कैकेयी से दो वर मांगने को कहा। मंथरा नामक दासी के बहकावे में आकर कैकेयी ने राम के लिए 14 साल का वनवास और भरत के लिए राज्य की मांग की। अब सवाल यह आता है कि कैकेयी ने राम के लिए 14 साल का ही क्यों वनवास मांगा, 15 या 13 साल का क्यों नहीं? आइए जानते हैं।

बाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के अयोध्याखंड में इस किस्से का वर्णन किया गया है। दरअसल, कैकेयी ने ऐसा प्रशासनिक कारणों के चलते किया।

उस दौर में ऐसा नियम था कि यदि कोई राजा 14 वर्ष के लिए अपना सिंहासन छोड़ देता है तो वह राजा बनने का अधिकार खो देता है। इस वजह से कैकेयी ने राम के लिए ठीक 14 साल का ही वनवास मांगा।

हालांकि भरत ने कैकेयी के इस सपने पर पानी फेर दिया। भरत ने सिंहासन पर बैठने से इंकार कर दिया। वनवास समाप्त कर जब प्रभु श्रीराम राज्य लौटे तो वही सिंहासन पर बैठे।

Published on:
08 Apr 2019 03:52 pm
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