
इंसानों के गोर-काले होने के पीछे है ये बड़ी वजह, जानकारी रखना है बेहद जरूरी
नई दिल्ली। हम इंसानों के शरीर की बनावट एक ही तरह की होती है। फिर वह चाहें देश का हो या विदेश का हो। आपने भी देखा होगा कि दुनिया में दो रंग के लोग होते हैं। कोई गोरा होता है तो कोई काला। आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताएंगे। बता दें कि इंसानों के त्वचा में एक रंगीन पदार्थ मौजूद होता है। इसी रंगीन पदार्थ को पिग्मेंट कहा जाता है। जब पराबैंगनी किरणें जब हमारे शरीर पर पड़ती हैं तो शरीर के ऊत्तकों द्वारा काला रंग अधिक बनने लगता है। इस प्रक्रिया को मेलानिन बोलते हैं। ऐसे में जिसके शरीर में मेलानिन अधिक बनने लगता है उसकी त्वचा का रंग काला या गेहुंआ हो जाता है। बता दें जो लोग ठंढी जगहों पर रहते हैं उसने शरीर में मेलानिन कम बनता है जिसकी वजह से ऐसी जगहों के लोग गोरे होते हैं।
उदाहरण के तौर पर अफ्रीका की बात करें तो यहां का तापमान बेहद गर्म रहता है। इसकी वजह से यहां के लोगों की त्वचा का रंग काला रहता है। भारत की बात करें तो केरल और कर्नाटक जैसे शहरों में भी बहुत गर्मी पड़ती है ऐसे में यहां के लोगों की त्वचा काली रंग की हो जाती है। भारत में मौसम और यहां की जगहों पर मौसम की विविधता की वजह से भारत में एक ही जैसे रंग के लोग बहुत कम देखने को मिलते हैं। बता दें कि मनुष्य की त्वचा का रंग जो भी हो। मानवता का कोई रंग नहीं होता है। लेकिन कई देशों में आज भी काले रंग के लोगों को हीनता की दृष्टि से देखा जाता है और उन्हें बराबरी का दर्जा देने में लोगों को हिचक महसूस होती है।
Updated on:
26 Feb 2019 05:56 pm
Published on:
26 Feb 2019 04:07 pm
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