
टॉयलेट के फ्लश में क्यों होते हैं 2 बटन, पीछे छिपी सच्चाई जानने के बाद हिल जाएगा दिमाग
नई दिल्ली। भारत में आज से काफी साल पहले ही वेस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट सीटों का आगमन हो चुका है। भारत के कई हिस्सों में लोग वेस्टर्न सीट को इंग्लिश सीट के नाम से भी जानते हैं। इसके साथ ही हमारे देश में आज के समय में भी बड़े स्तर पर भारतीय शैली के टॉयलेट सीटों का भी इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय शैली के टॉयलेट और पाश्चात्य शैली के टॉयलेट में काफी असमानताएं हैं। जिसमें टॉयलेट यूज़ करने जा रहे व्यक्ति का कंफर्ट और पानी की बर्बादी में कटौती।
लेकिन आज के समय में वेस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट सीट्स के प्रयोग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान समय में हम सभी वेस्टर्न टॉयलेट यूज़ कर रहे हैं। लेकिन क्या आपने वेस्टर्न टॉयलेट के फ्लश बटन पर गौर किया, कि आखिर उसमें दो बटन क्यों होते हैं। जबकि फ्लश के लिए तो एक बटन ही काफी हो सकता है। इसके अलावा दोनों फ्लश बटन का आकार भी अलग-अलग होता है। एक बटन छोटा होता है तो वहीं दूसरा बटन बड़ा होता है।
अगर आपको टॉयलेट फ्लश के इन दो छोटे-बड़े बटन के बारे में पता है तो बहुत अच्छी बात है, और अगर नहीं पता तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। आज हम आपको वेस्टर्न टॉयलेट के फ्लश में लगे 2 बटन का राज़ बताने जा रहे हैं। दरअसल दुनिया आज से काफी साल पहले से ही पानी की समस्या से जूझ रही है। पानी को बचाने के लिए हुए तमाम स्टडी में पाया गया कि टॉयलेट जाते वक्त काफी पानी खर्च हो जाता है, अब बेशक कोई यूरीनल के लिए जाए या फिर पॉटी के लिए.. पानी उतना ही खर्च होता था।
इसी समस्या का तोड़ निकालते हुए अमेरिका के औद्योगिक डिजाइनर विक्टर पापानेक ने टॉयलेट में ड्यूल फ्लश का आइडिया दिया था। शुरुआत में इसे छोटे स्तर पर टेस्ट किया गया था, लेकिन इसकी सफलता के बाद इसे वर्ल्ड वाइड प्रसिद्धि मिल गई। बता दें कि वेस्टर्न टॉयलेट के फ्लश में बड़ा बटन सॉलिड वेस्ट रिमूवल के लिए होता है, जिसे दबाने से 6 लीटर से 9 लीटर पानी बहता है। जबकि छोटे वाले बटन को दबाने से बहने वाले पानी की मात्रा तीन से चार लीटर ही होती है।
इसलिए यदि आप अब आगे से टॉयलेट जाएं तो इस बात का खास ध्यान रखें कि यूरीनल के बाद छोटा बटन दबाना है तो वहीं पॉटी के बाद बड़ा वाला बटन दबाना है।
Published on:
03 Jul 2018 03:39 pm
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