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नई दिल्ली। लड़कियों को इन दिनों अपने फिगर की बहुत चिंता रहती है। कभी वे डायटिंग करती हैं, तो कभी एक्स्ट्रा वर्कआउट, ताकि उनकी बॉडी शेप खराब न हो और वे फिट रह सकें। हालांकि कुछ लड़कियां अपने फिगर को मेनटेन करने के लिए खाना पीना भी छोड़ देती हैं। इसका दुष्प्रभाव उनके शरीर को खराब कर सकता है। ऐसी ही न्यूयॉर्क में रहने वाली स्टेफनी रोड्स की कहानी है। जिसने स्लिम फिगर बनाने की चाह में १३ साल की उम्र में नाश्ता और दोपहर का खाना बंद कर दिया था। ऐसा करने से उसका वजन कम होने लगा था।
स्टेफनी ने बताया कि जैसे जैसे वो दुबली हो रही थी, वैसे वैसे उसका कॉन्फिडेंस और बढ़ रहा था और लोग उसकी प्रशंसा करने लगे थे। ऐसी डायट फॉलो करते हुए उसे 17 साल की उम्र में एनोरेक्सिया की बीमारी हो गई। इस बीमारी में मरीज को खाना खाने से डर लगने लगता है और उसका वजन भी तेजी से गिरता है। इसी बीमारी के कारण स्टेफनी ने भोजन करना बंद कर दिया था और उसकी बीमारी बढ़ती चली गई। एक समय पर उसकी बीमारी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि वह हड्डियों का ढांचा ही रह गई थी।
जब हॉस्पिटल में एडमिट करते थे तब उसे खाना खाने और वजन बढ़ाने के लिए बोला जाता था। वह हॉस्पिटल में तो जबरदस्ती खा लेती थी ताकि वह वापस घर जा पाए। घर पहुंचते से खाना छोड़ देती थी और फिर उसे जल्दी ही हॉस्पिटल जाना पड़ता था।
स्टेफनी बताती है कि जैसे ही उसे इस बीमारी ने जकड़ा तब से वह जब भी खाना खाती थी उसे एंग्जायटी अटैक आता था। उसे ऐसा लगता था कि जो भी वो खाएगी उससे वह मोटी हो जाएगी। जैसे ही वह खाना छोड़ देती थी उसे ठीक लगने लगता था।
वह अभी अमेरिकी स्टेट मेसाच्युसेट्स के रिहैब सेंटर में अपनी बीमारी का इलाज करा रही है। वहां पर उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
Published on:
30 Sept 2017 04:13 pm
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