
World Water Week 2021: जानिए टॉप 5 नदियों के बारे में ,जिनकी हालत है बेहद गंभीर!
नई दिल्ली। World Water Week 2021: जैसा कि आप लोग जानते हैं कि इस समय world water week 2021 चल रहा है। यह 23 से 27 तक रहेगा। दरसल क्या आप जानते हैं यह हर साल क्यों रखा जाता है? दुनिया में पीने के पानी की कमी को दूर करने के लिए यह मनाया जाता है। यह तो आप भी जानते हैं कि दुनिया में पानी की कमी है। कुछ इलाक़ों मे तो धरती का पानी सुख गया है। इसी के साथ आज हम आपको अपने ही देश की जानी-मानी नदियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी हालत बेहद गंभीर है। और अगर हमने, इनमे हो रहे प्रदूषण को नहीं रोका तो इनका नाम सिर्फ इतिहास के पन्नों में एक नदी के रूप में रह जाएगा।
गंगा (Ganga)
भारत की सबसे प्रमुख नदी माने जाने वाली गंगा उत्तराखंड में हिमालय से निकलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। कहा जाता है कि गंगा में स्नान करने से मुक्ति मिल जाती है और सारे पाप कट जाते हैं। 100 फीट की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में सबसे पवित्र मानी जाती है। इसकी उपासना माँ और देवी के रूप में की जाती है। साथ ही यह दुनिया की सबसे जानी-मानी नदियों में से एक है। कुछ समय पहले इसकी हालत बहुत खराब हो गई थी। तकरीबन 1100 फैक्ट्रियों ने अपना वेस्ट नदी में डालना शुरू कर दिया जिसके कारण वह दूषित हो गई है। इसी को देखते हुए सरकार और NGO द्वारा इसको साफ़ करने का अभियान भी चलाया गया और वह काफी हद तक इसमें सफल भी हुए।
यमुना (Yamuna)
यमुना भारत की सबसे पवित्र और प्राचीन नदियों में से कहीं जाने वाली एक नदी थी। एसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसकी हालत भी गंगा जैसी हो गई है। इसकी हालत भी कारखानों का कचरा, केमिकल और भी चीजों की वजह से बेकार हो गई है। अब यह पानी में रहने वाले जानवरों के रहने लायक भी नहीं बची है। हमें इसे रोकना होगा।
ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra)
भारत की प्रसिद्ध नदियों में शामिल ब्रह्मपुत्र एक ऐतिहासिक नदी मानी जाती है। इसकी उत्पत्ति तिब्बत के चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुई है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत और भारत से होकर बांग्लादेश में बहती है। 2900 km लंबी इस नदी को भी वह सब सहना पड़ रहा है जो गंगा और यमुना हाल है।
दामोदर (Damodar)
दामोदर नदी भारतीय राज्यों झारखंड और पश्चिम बंगाल में स्थित है। दामोदर नदी को पूर्वी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक माना जाता है। इसे झारखंड की गंगा भी कहते हैं। इस प्रकार, यह उद्योगपतियों द्वारा शोषण किया जा सकता है। इसमे कई सीमेंट, लोहा निर्माता कंपनियां भी शामिल हैं। साथ ही इसको दूषित करने का सबसे बड़ा हाथ 1990 में हुआ वो हादसा है जिसके कारण 2 लाख से भी ज्यादा तेल नदी पर बह गया था। अब तेल, जहरीली धातुओं और कोयले की धूल के कारण दामोदर नदी का नाश शुरू हो गया।
बागमती (Bhagmati)
बागमती नदी पूर्वोत्तर भारत के उत्तरी बिहार राज्य और दक्षिण-मध्य नेपाल में बहने वाली नदी है। इस नदी के तट पर ही काठमांडू स्थित है। नेपाल के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक भगवान 'पशुपतिनाथ' का विश्व प्रसिद्ध मन्दिर भी इसी नदी के किनारे पर स्थित है। बावजूद इसके नदी पर कारखानों से निकल रहे डिस्चार्ज पाइप बिना किसी कीटाणु नाशक प्रक्रिया के खुले छोड रखे हैं। और अगर इसकी हालत देखें तो किसी किसी बड़े नाले से कम नहीं।
Published on:
25 Aug 2021 04:14 pm
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