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अगर आपको लगता है कि सामने वाला झूठ बोल रहा है, तो इन बातों पर गौर करके आप पकड़ सकते हैं उसका झूठ

य़ह कुछ ऐसी बाते हैं जिनकी मदद से आप आसानी से सामने वाली की बात को पकड़ सकते हैं कि सामने वाला सच्चा है या झूठा।

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अक्सर हमारे अंदर यह शक आता है ना कि कहीं सामने वाला हमारे से झूठ तो नहीं बोल रहा। अगर बोल रहा है तो उसका झूठ कैसे पकड़ा जा सकता है? आपको कैसे पता चलेगा कि सामने वाला सच्चा है या झूठा। तो कुछ ऐसी बाते हैं जिनकी मदद से आप आसानी से सामने वाली की बात को पकड़ सकते हैं कि सामने वाला सच्चा है या झूठा।


अगर हम आपसे पूछे कि क्या आप झूठ बोलते हैं या फिर क्या झूठ बोलना सही है, तो आप में से काफी लोग यह कहेंगे कि झूठ बोलने में कोई बुराई नहीं हैं बशर्ते वह झूठ किसी इंसान के लिए काम का हो। अगर उस झूठ से किसी का नुकसान होता है तो उस झूठ को बोलने से बचना चाहिए। झूठ को लेकर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती हैं। कुछ लोग झूठ को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाते, तो वहीं कुछ लोग इसे लेकर सहनशील बने रहते हैं। एक सर्वे के अनुसार एक सामान्य व्यक्ति दिन में करीब छह झूठ बोलता है। वहीं कई विशेषज्ञों का भी मानना है कि बॉडी लैंग्वैंज और लोगों के हावभाव को नोटिस कर ये जाना जा सकता है कि सामने वाला व्यक्ति झूठ बोल रहा है या सच...

आमतौर पर झूठ बोलने वाले लोग आंख मिलाने की कोशिश नहीं करते या फिर कुछ ज़्यादा ही आई कॉन्टेक्ट बनाने की कोशिश करते हैं। इस बात के जरिए आप किसी का झूठ पकड़ सकते हैं।

कई लोग झूठ पकड़े जाने पर अक्सर झुंझला जाते हैं। अपनी बात को सच साबित करने के लिए आक्रामक हो जाते हैं।

कोई शख्स आपके साथ ईमानदार है या नहीं? वो उसकी बॉडी लैंग्वेज से पता चल जाता है। उसकी बॉडी लैंग्वेज में एक अजीब सी असहजता देखी जा सकती है। ऐसे लोग अक्सर कई मौकों पर आपका साथ छोड़ देते हैं।

कई बार जो लोग झूठ बोल रहे होते हैं वह तेजी से पलकें झपकते हैं। उनकी स्माइल कम हो जाती है या फिर वह हाथ बांध कर बात करने लगते हैं।

वहीं कुछ लोग झूठ बोलते समय थोड़ा हकलाते हैं।
झूठे लोग अक्सर सामने वाले शख्स की बातों से ही जवाब देने की कोशिश करते हैं।
झूठ बोलने वाला इंसान खुद को सबसे पहले रक्षात्मक मुद्रा लेता है। वहीं निर्दोष व्यक्ति बेबाक रहता है।

कई बार नर्वस होने या झूठ बोलने पर लोग अपने चेहरे या बालों को छेड़ते हैं। ये तरीका किसी का झूठ पता लगाने के लिए काफी प्रभावी हो सकता है क्योंकि पूछताछ के दौरान ज़्यादातर मामलों में लोग ऐसा करते हैं।

अगर आपको लगता है कि कोई इंसान झूठ बोल रहा है तो बातचीत का टॉपिक जल्दी बदल दें। ऐसा होने पर इस बात के चांसेस अधिक हैं कि झूठा व्यक्ति इस बात से मन ही मन खुश हो जाए। अगर ऐसा होता है तो समझ जाइए वह आपसे झूठ बोल रहा था।