
Pregnancy care tips: गर्भावस्था में कई तरह के शारीरिक-मानसिक बदलाव आते हैं। इसमें लापरवाही होने पर गर्भवती और गर्भस्थ शिशु दोनों को नुकसान होने की आशंका रहती है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, डॉ. मेघा शर्मा से जानते हैं प्रेग्नेंसी में किन बातों की अनदेखी करने से बचना चाहिए।
पहली तिमाही में डॉक्टर को न दिखाना
अक्सर देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती पहली तिमाही में डॉक्टर से परामर्श नहीं लेती हैं। वे चौथे या पांचवें महीने में डॉक्टर से सम्पर्क करती हैं। इससे भ्रूण के बारे में सही जानकारी नहीं मिलती है। पहले तिमाही में थायरॉइड व अन्य जांचें होती हैं। इससे भ्रूण के ब्रेन और संपूर्ण विकास का पता चलता है। शुरू से ही डॉक्टर को दिखाएं।
लिक्विड डाइट कम लेना
गर्भवती अच्छी डाइट लेती हैं, लेकिन कई बार पानी कम पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी हो जाती है जो गर्भवती व भ्रूण, दोनों के लिए नुकसानदायक है। दूसरी तिमाही के बाद पानी की कमी बिल्कुल ही न करें। भ्रूण का संकुचन कम हो जाता है। कई बार स्थिति गंभीर भी हो जाती है।
नियमित व्यायाम न करना
कुछ महिलाएं प्रेग्रेंसी में काम करना बंद कर देती हैं। एक ही जगह लंबे समय तक बैठने से पैरों में सूजन आ सकती है। इसलिए नियमित वॉक करें। वजन उठाने वाले व्यायाम न करें लेकिन पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज करें। इससे सामान्य प्रसव की संभावना बढ़ती है।
हर दो घंटे में कुछ न खाना
गर्भावस्था में जी घबराना, उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में महिला कुछ खाने से डरती है। इससे उनमें कमजोरी आने के साथ ही भ्रूण का विकास प्रभावित होता है और जेस्टेशनल डायबिटीज की आशंका भी रहती है। अत: हर दो घंटे से कुछ हैल्दी खाना चाहिए।
समय पर जांच न करवाना
लोगों में भ्रम है कि अल्ट्रासाउंड से भ्रूण को नुकसान होता है। इसलिए वे दूसरी तिमाही तक जांच नहीं करवाते हैं। इससे भ्रूण के विकास की जानकारी नहीं मिल पाती। अल्ट्रासाउंड की जांच से भ्रूण में कोई विकृति हो रही है तो शुरू में ही पता चल जाता है। समय रहते इलाज हो सकता है, अत: डॉक्टरी सलाह से जांचें जरूर करवाएं।
Updated on:
13 Jul 2023 07:14 pm
Published on:
13 Jul 2023 07:13 pm
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