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वो भावुक भरा पल, जब Al Jazeera के रिपोर्टर ने कहा- यह मेरा आखिरी संदेश, गाजा में इजरायली हमले में 5 पत्रकारों की मौत

5 journalists killed in Gaza: गाजा में इजरायली हमले में अल जजीरा (Al Jazeera) के 5 पत्रकारों की मौत हो गई। अलजजीरा के पत्रकार अनस अल शरीफ ने मौत से पहले अपना अंतिम वसीयतनामा सोशल मीडिया पर शेयर किया।

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पत्रकार अनस अल शरीफ की मौत (फोटो- एक्स अकाउंट Anas Al-Sharif

पत्रकार अनस अल शरीफ की मौत (फोटो- एक्स अकाउंट Anas Al-Sharif

5 journalists killed in Gaza: गाजा में इजरायली हमले में अल जजीरा (Al Jazeera) के 5 पत्रकारों की मौत हो गई। इजरायली सेना ने हमले की पुष्टि की है। इजरायली आर्मी ने कहा कि अल जजीरा के पत्रकार के रूप में पेश होने वाले हमास के नेता अनस अल शरीफ को उन्होंने निशाना बनाकर मार दिया है।

अनस हमास के साथ काम कर चुका था: IDF

अलजजीरा के मुताबिक, इजरायली हमले में पत्रकार अनस अल-शरीफ और मोहम्मद क़रीक़ेह और कैमरामैन इब्राहिम ज़हीर, मोहम्मद नौफ़ल और मोअमेन अलीवा अल-शिफा अस्पताल के मुख्य द्वार पर बने एक तंबू में रह रहे थे। इसी दौरान इजरायली आर्मी ने उन्हें निशाना बनाया। हमले के बाद IDF ने कहा कि उसने अल शरीफ को इसलिए मारा, क्योंकि उनसे टेलीग्राम पर एक पोस्ट के जरिए बताया था कि वह हमास के एक आतंकवादी सेल के प्रमुख के रूप में काम कर चुका था।

IDF ने अनस को आतंकी करार देते हुए इजरायली नागरिकों पर हमले का जिम्मेवार बताया। हमास ने कहा है कि पत्रकारों की हत्या इज़राइली हमले की शुरुआत का संकेत हो सकती है, क्योंकि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारी आलोचना के बीच गाजा शहर पर कब्जा करने की बात कही है।

अंतिम वसीयतनामा में क्या लिखा

अल जजीरा के संवाददाता अनस अल शरीफ ने अपनी मौत की सूचना देते हुए आखिरी पोस्ट लिखा। जिसे कथित तौर पर उनके दोस्त ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। अनस ने लिखा- यह मेरा अंतिम वसीयतनामा है। अगर यह पोस्ट लोगों तक पहुंच चुका तो इसका मतलब है कि इजरायली सेना उन्हें मारने में कामयाब हो चुकी है।

अनस ने लिखा कि ईश्वर की शांति, दया और आशीर्वाद आप पर बना रहे। ईश्वर जानता है कि जब से मैंने जबालिया शरणार्थी शिविर की गलियों और मोहल्लों में जीवन के प्रति अपनी आँखें खोली हैं, तब से मैंने अपने लोगों का सहारा बनने और उनकी आवाज बनने के लिए अपनी पूरी कोशिश और ताकत लगा दी है।

मैंने गाजा की त्रासदी और दर्द के सभी पहलुओं को जिया है। इसके बावजूद मैंने बिना किसी प्रोपेगेंडा के अपनी बात रखी है। इश्वर उन सभी लोगों के विरुद्ध साक्षी है, जो हमारे ऊपर हो रहे अत्याचार को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। जो गाजा में मरने वाले बच्चों और महिलाओं के शव को देखकर विचलित नहीं हुए हैं। उन्होंने इजरायली नरसंहार को भी नहीं रोका है।