8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अमरीका और ब्रिटेन ने जारी की अपनी यात्रा नीति, जानिए भारतीयों को क्या करना होगा

नई प्रणाली भारत जैसे देशों पर पर लगे इस प्रतिबंध को खत्म करती है। भारत समेत किसी भी देश के लोग नवंबर की शुरुआत से अमरीका में प्रवेश कर सकेंगे, जिन्होंने कोरोना टीके की दोनों डोज ले ली है।  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Sep 21, 2021

corona.jpeg

नई दिल्ली।

कोरोना महामारी का संकट कुछ कम होने के बाद अमरीका ने अपनी यात्रा नीति जारी की है। अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए नई प्रणाली का ऐलान कर दिया गया है। इसके तहत भारत समेत किसी भी देश के लोग नवंबर की शुरुआत से अमरीका में प्रवेश कर सकेंगे, जिन्होंने कोरोना टीके की दोनों डोज ले ली है।

दरअसल, अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने वर्ष 2020 की शुरुआत में कोरोना महामारी के कारण विदेशी यात्रियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। अब अमरीका की नई प्रणाली भारत जैसे देशों पर पर लगे इस प्रतिबंध को खत्म करती है। अमरीका में व्हाइट हाउस प्रशासन ने बताया कि भारत जैसे देशों में पूर्व टीकाकरण करा चुके लोग अब अपने टीकाकरण प्रमाण पत्र के साथ अमरीका की यात्रा कर सकेंगे। उन्हें उड़ान भरने से पहले टीकाकरण का प्रमाण पत्र देना होगा।

यह भी पढ़ें:- भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री 25 सितंबर को होंगे आमने-सामने, मगर नहीं होगी कोई बातचीत

कोरोना महामारी पर व्हाइट हाउस के रिस्पॉन्स को-आर्डिनेटर जेफ जिनेट्स ने बताया कि अमरीका अंतराष्ट्रीय यात्रा के लिए नई प्रणाली का ऐलान कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस नई प्रणाली के तहत अमरीका आने वाले विदेशी यात्रियों से कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैले, यह तय करने के लिए सख्त प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

दूसरी ओर, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच ब्रिटेन ने नए यात्रा नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके भारतीयों का टीकाकरण नहीं मान्य नहीं होगा। ऐसे में उन्हें दस दिनों के लिए क्वारंटीन रहना होगा। ब्रिटेन में नए नियमों के तहत कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी भारतीयों को पूरी तरह वैक्सीनेटड नहीं माना जाएगा और उन्हें क्वारंटीन प्रोसेस से गुजरना होगा।

यह भी पढ़ें:- चीन ने की अफगानिस्तान के बरगाम एयरबेस की रेकी, भारत की चिंता बढ़ी

वहीं, ब्रिटेन के इस नियम पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कोविशील्ड को मूल रूप से यूनाइटेड किंगडम यानी यूके में विकसित किया गया है। साथ ही, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने उस देश को भी वैक्सीन की आपूर्ति की है। ऐसे में वहां की सरकार की ओर से जारी किया गया यह फैसला बिल्कुल विचित्र है और इसमें नस्लवाद की बू आती है।