
Jagmeet Singh
कनाडा (Canada) में सोमवार को हुए चुनाव में मार्क कार्नी (Mark Carney) की लिबरल पार्टी पियरे पोलीवरे (Pierre Poilievre) की कंज़र्वेटिव पार्टी आमने-सामने रही। चुनाव में लिबरल पार्टी को अच्छी-खासी बढ़त मिली हुई है और कार्नी का एक बार फिर से देश का पीएम बनना तय है। लिबरल पार्टी के नेताओं को जहाँ चुनाव में काफी फायदा हो रहा है, तो कभी उनकी समर्थक रही न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं, पार्टी के सबसे बड़े नेता भी अपनी सीट नहीं बचा सके।
कनाडा चुनाव में एनडीपी नेता जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) की करारी हार हुई है। पिछले कई सालों से जगदीप की पार्टी सत्ताधारी पार्टी के सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाती आई है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। एनडीपी को 12 सीटें भी नहीं मिल पाई, जो राष्ट्रीय दल का दर्जा बनाए रखने के लिए एनडीपी के लिए ज़रूरी था। ऐसे में जगमीत की पार्टी से उनका राष्ट्रीय दल का दर्जा भी छिन सकता है। चुनाव में हार के बाद जगमीत ने पार्टी के लीडर के पद से इस्तीफा दे दिया है।
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जगमीत कनाडा में सबसे बड़े सिख नेता होने के साथ ही भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक भी हैं। समय-समय पर जगमीत भारत विरोधी बयान देने से पीछे नहीं हटते। इसके साथ ही जगमीत खालिस्तान समर्थक भी हैं और कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का पूरा समर्थन करते हैं। जगमीत तो खुलकर खालिस्तानी आतंकियों को भी समर्थन देते हैं। ऐसे में उनकी इस हार से कनाडा में खालिस्तान समर्थकों को बड़ा झटका लगा है।
Updated on:
29 Apr 2025 12:33 pm
Published on:
29 Apr 2025 12:25 pm
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