
Arrest of illegal immigrants in Germany
अमेरिका (United States Of America) में अवैध प्रवासियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन के अभियान के बाद अब ब्रिटेन (Britain) और जर्मनी (Germany) भी उसी रास्ते पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं। जर्मनी में आम चुनाव से दो सप्ताह पहले अवैध प्रवासी चुनाव का मुख्य मुद्दा बन गए हैं। रविवार को चांसलर पद के दो प्रमुख दावेदारों के बीच हुई बहस में भी दोनों उम्मीदवार अवैध प्रवासियों पर लगाम लगाने के मुद्दे को उठाते नजर आए। दूसरी ओर ब्रिटेन में पिछले छह महीनों में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान चलाकर 609 लोगों को बार और छोटे रेस्टोरेंट में अमानवीय हालातों में काम करते हुए गिरफ्तार किया गया है।
ब्रिटेन की पीएम कीर स्टार्मर (Keir Starmer) की सरकार के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार 5 जुलाई से लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद से प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा 3,000 से ज़्यादा गिरफ्तारियाँ की गई हैं। जानकारी के अनुसार सिर्फ जनवरी में ही 828 छापे मारे गए, जिनमें 609 गिरफ्तारियाँ की गई, जो 2019 के बाद से एक रिकॉर्ड है और पिछली जनवरी से गिरफ्तार लोगों की संख्या से 73% ज्यादा है। इनमें से ज्यादातर गिरफ्तारियाँ नेल बार, कार वॉश और सुविधा स्टोर और रेस्टोरेंट पर हुई। इनमें भारतीय रेस्टोरेंट्स पर भी छापेमारी कर गिरफ्तारियाँ की गई हैं।
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ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर (Yvette Cooper) ने इस बारे में कहा कि देश में माइग्रेशन नियमों को लागू किया जाना चाहिए। बहुत लंबे समय से, नियोक्ता अवैध प्रवासियों को काम पर रखने और उनका शोषण करने में सफल रहे हैं और बहुत से लोग अवैध रूप से आकर ब्रिटेन में काम करने में सक्षम रहे हैं, जबकि उन पर कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे न केवल लोगों के लिए एक छोटी नाव में चैनल पार करके अपनी जान जोखिम में डालने का खतरा पैदा होता है, बल्कि इससे कमजोर लोगों, आव्रजन प्रणाली और हमारी अर्थव्यवस्था का दुरुपयोग होता है।
उत्तरी इंग्लैंड के हम्बरसाइड में एक भारतीय रेस्टोरेंट में जाने पर की गई छापेमारी में 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और 4 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
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जर्मनी के आम चुनाव से पहले सोमवार को हुई दो प्रमुख उम्मीदवारों के बीच 90 मिनट की टीवी बहस में ओलाफ शॉल्ज (Olaf Scholz) ने अपनी सरकार की नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि जर्मनी में इससे कड़े प्रवासन रोधी कानून कभी नहीं बने। वहीं, चुनावी दौड़ में सबसे आगे चल रहे उदार दक्षिणपंथी पार्टी क्रिश्चन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ (Friedrich Merz) ने उन पर सीमा सुरक्षा में असफल होने का आरोप लगाया। मैर्त्स ने कहा कि वर्तमान सरकार में 20 लाख से ज़्यादा अवैध प्रवासी जर्मनी में घुसे हैं। यह संख्या पूरे हैम्बर्ग की आबादी से भी ज्यादा है।
दूसरी ओर, शॉल्ज ने मर्ज़ पर चरम-दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया। मर्ज़ की पार्टी सीडीयू/सीएसयू चुनावी सर्वेक्षणों में लगभग 30% समर्थन के साथ आगे चल रही है। पिछले हफ्ते अवैध प्रवासन के विरोध में संसद में मर्ज़ के प्रस्ताव पर एएफडी ने उनके साथ मतदान किया था। हालांकि उन्होंने एएफडी के साथ किसी भी तरह के सहयोग से इनकार किया है।
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Published on:
11 Feb 2025 11:10 am
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