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पाकिस्तानी सेना पर घात लगाकार किया बलूच विद्रोहियों ने हमला, 5 सैनिकों की मौत

पाकिस्तान में बलूच विद्रोही, सरकार और सेना के लिए सिरदर्द बन गए हैं। बलूच विद्रोहियों के पाकिस्तानी सेना पर हमलों का सिलसिला अभी भी जारी है। बुधवार को बीएलए के लड़ाकों ने एक बार फिर पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया।

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भारत

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Tanay Mishra

Jun 05, 2025

BLA

BLA Rebels (Photo- Baloch Liberation Army)

बलूचिस्तान (Balochistan) में हालात सुधरने की जगह बिगड़ते ही जा रहे हैं। बलूच विद्रोही अब पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार और सेना के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। लंबे समय से पाकिस्तानी सरकार, बलूचों की उपेक्षा करती आई है। वहीं पाकिस्तानी सेना के निर्देश पर बलूचों का अपहरण और हत्या बहुत ही सामान्य बात है। इसी वजह से बलूच नेता, विद्रोही और ज़्यादातर जनता खुद को पाकिस्तान से अलग करते हुए आज़ाद बलूचिस्तान के रूप में अपना अलग देश चाहते हैं। बलूच विद्रोही समय-समय पर पाकिस्तानी सेना को भी निशाना बनाते हैं और बुधवार को एक बार फिर ऐसा ही हुआ।

घात लगाकर बीएलए ने किया सेना पर हमला

बलूच लिबरेशन आर्मी – बीएलए (Baloch Liberation Army- BLA) के लड़ाकों ने बुधवार को घात लगाकार पाकिस्तानी सेना पर हमले किए। बीएलए लड़ाकों ने ये हमले जमुरान (Zamuran) और क्वेटा (Quetta) में दो अलग-अलग जगहों पर किए और पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया।

5 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत, कई घायल

बीएलए लड़ाकों के इन हमलों में पाकिस्तानी सेना के 5 सैनिकों की मौत हो गई। इन हमलों में पाकिस्तानी सेना के कई सैनिक और अधिकारी घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नज़दीकी सैन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।


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आज़ादी तक जारी रहेगी लड़ाई

बीएलए ने हमल लेते हुए साफ कर दिया कि जब तक उन्हें आज़ादी नहीं मिल जाती और पाकिस्तानी सेना, बलूचिस्तान छोड़कर चली नहीं जाती, उनकी लड़ाई इसी तरह जारी रहेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बलूच लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान के सुराब (Surab) शहर पर कब्ज़ा कर चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने राजधानी क्वेटा (Quetta) के साथ ही मस्तुंग (Mustang) में भी कई इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया है।

चीन को भी नहीं रहा पाकिस्तान पर भरोसा

चीन (China), जिसे पाकिस्तान का दोस्त माना जाता है, को भी इस बात का एहसास हो गया है कि पाकिस्तानी सेना, बलूचिस्तान में छिड़ी आज़ादी की जंग पर काबू नहीं पा सकती। इसलिए अब चीन ने बलूचिस्तान की आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे समूहों के गठबंधन बलूच राजी अजोई संगर के साथ सीधे बातचीत करने का फैसला लिया है। चीन का यह फैसला प्रोटोकॉल के खिलाफ है, फिर भी पाकिस्तान पर भरोसा न होने की वजह से चीन को यह फैसला लेना पड़ा। चीन से वार्ता के दौरान बलूच विद्रोही दुनियाभर से बलूचिस्तान को आज़ाद देश के तौर पर मान्यता दिलाने, पाकिस्तान के सैन्य अभियानों को रोकने, पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान छोड़ने के लिए कहने जैसे मुद्दों पर बातचीत कर्नेगे।

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