
भारत-बांग्लादेश सरहद पर सुलगता तनाव। (फोटो: AI Generated)
Bangladesh Violence:बांग्लादेश में बीते कुछ हफ्तों से मची उथल-पुथल ने अब एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश की सड़कों पर जो गुस्सा भड़का (Bangladesh Unrest 2025) है, उसकी आग अब भारत की सीमाओं तक महसूस की जा रही है। गत 18 दिसंबर को ढाका में शरीफ उस्मान हादी (Sharif Usman Hadi) के निधन के बाद वहां के हालात बेकाबू हो गए हैं, जिससे भारत के पांच राज्यों 'पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम' में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से ही बांग्लादेश एक अस्थिर दौर से गुजर रहा था। लेकिन ताज़ा चिंगारी शरीफ उस्मान हादी की हत्या से भड़की। हादी को छात्र राजनीति का एक बड़ा चेहरा माना जाता था। उनकी हत्या के बाद वहां की कट्टरपंथी ताकतों ने भारत की ओर उंगली उठानी शुरू कर दी है, जिससे ढाका से लेकर खुलना तक भारत-विरोधी भावनाएं चरम पर हैं। इस तनाव के चलते व्यापार ठप है और सीमा पार से अवैध आवाजाही की कोशिशें (Illegal Infiltration) तेज हो गई हैं।
भारत और बांग्लादेश के बीच की 4096 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। सबसे ज्यादा दबाव पश्चिम बंगाल के मालदा और बशीरहाट जैसे इलाकों पर है, जहां की भौगोलिक स्थिति घुसपैठ के लिए संवेदनशील मानी जाती है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और मेघालय का डॉकी बॉर्डर भी सीधे तौर पर प्रभावित हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि अशांति का फायदा उठा कर बड़ी संख्या में घुसपैठिये भारत में प्रवेश कर सकते हैं (BSF High Alert), जिससे स्थानीय जनसांख्यिकी और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है।
सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों के अनुसार, सीमा पर कंटीली बाड़ के बावजूद नदी वाले क्षेत्रों (Riverine borders) से घुसपैठ का खतरा बना रहता है। बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण वहां के अल्पसंख्यक और आम नागरिक भी डर के साये में हैं, जो पलायन कर भारत की शरण लेने की सोच सकते हैं। ऐसे में भारत को एक तरफ मानवीय दृष्टिकोण और दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना पड़ रहा है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में "एंटी-इंडिया सेंटिमेंट" का बढ़ना भारत के आंतरिक सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसे कूटनीति और सख्त सीमा निगरानी से ही हल किया जा सकता है।
| राज्य | साझा सीमा | नजदीकी भारतीय शहर/जिले | नजदीकी बांग्लादेशी शहर |
|---|---|---|---|
| पश्चिम बंगाल | 2,217 किमी | कोलकाता, मालदा, सिलिगुड़ी, बशीरहाट | खुलना, राजशाही, जशोर |
| त्रिपुरा | 856 किमी | अगरतला, सबरूम, खोवाई | चटगांव, कोमिला |
| मेघालय | 443 किमी | शिलॉन्ग (डॉकी सीमा), तुरा | सिलहट, मैमनसिंह |
| मिजोरम | 318 किमी | लुंगलेई, कोलासिब | रंगमाटी, चटगांव हिल ट्रैक्ट्स |
| असम | 262 किमी | करीमगंज, धुबरी | सिलहट, रंगपुर |
बहरहाल,भारत सरकार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के संपर्क में है और वहां भारतीय दूतावास के कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। इस अस्थिरता का सीधा असर दोनों देशों के बीच होने वाले रेल और सड़क परिवहन (जैसे मैत्री एक्सप्रेस) पर पड़ा है, जिससे करोड़ों का व्यापारिक नुकसान हो रहा है।
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Updated on:
19 Dec 2025 04:56 pm
Published on:
19 Dec 2025 04:35 pm
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