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बांग्लादेश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा: हिंदू युवक की हत्या के बाद यूनुस का रुख, भारत पर क्या प्रभाव पड़ा

Bangladesh violence: बांग्लादेश में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना बड़ी चुनौती है। सभी पक्षों को हिंसा से दूर रहकर लोकतंत्र की रक्षा करनी होगी।

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भारत

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MI Zahir

Dec 21, 2025

Bangladesh violence

बांग्लादेश हिंसा (फोटो- ब्लूमबर्ग)

Hindu lynching Bangladesh: बांग्लादेश में हाल के दिनों में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा (Bangladesh Hindu violence) की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस(Muhammad Yunus government) के नेतृत्व में देश चुनाव की तैयारी कर रहा है, लेकिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले चिंता का विषय बने हुए हैं। हाल ही में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत ने पूरे देश में प्रदर्शन और हिंसा को हवा दी है, इसके बीच एक हिंदू युवक की भीड़ द्वारा हत्या ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सन 2024 के छात्र आंदोलन में प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में गोली मार दी गई (Sharif Osman Hadi death)। वे सिंगापुर में इलाज के दौरान 18 दिसंबर को मर गए। उनकी मौत के बाद राजधानी ढाका और अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने अखबारों के दफ्तरों, सांस्कृतिक केंद्रों और भारतीय उच्चायोग पर हमले किए। कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ हुई। सरकार ने इसे अशांति से दूर रहने की अपील जरूर की है। धरातल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।

हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की क्रूर हत्या (communal attacks Bangladesh)

हादी की मौत के ठीक बाद मयमंसिंह जिले के भालुका इलाके में दीपू चंद्र दास (27 साल) नामक हिंदू गारमेंट वर्कर पर ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने हमला किया। उसे बुरी तरह पीटा गया और शव को पेड़ से बांध कर आग लगा दी गई। यह घटना 18 दिसंबर की रात हुई। अंतरिम सरकार ने इसे "जघन्य अपराध" बताया और कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं है। मुहम्मद यूनुस सरकार ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) और पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों में मोहम्मद लिमोन सरकार व मुहम्मद तारिक हुसैन जैसे नाम शामिल हैं। इस सिलसिले में जांच जारी है।

हिंदुओं पर बढ़ते हमले और अल्पसंख्यकों की स्थिति

शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय पर हमलों की संख्या में इजाफा हुआ है। बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद की रिपोर्ट के अनुसार:

2024 में 2,442 घटनाएं दर्ज की गईं। 2025 के पहले छह महीनों में 258 हमले हुए, जिसमें 27 मौतें, 20 बलात्कार और 59 मंदिरों पर हमले​ किए गए। अगस्त 2024 से जनवरी 2025 तक 76 हमले और 152 मंदिरों का नुकसान हुआ।

यूनुस सरकार सांप्रदायिक को "राजनीतिक" बता रही

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ने भी इन हमलों की पुष्टि की है। यूनुस सरकार ने इन घटनाओं को "राजनीतिक" बताया है और भारतीय मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने हिंदुओं से खुद को "बांग्लादेशी नागरिक" मानने की अपील की।

भारत और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत में इस घटना पर गंभीर चिंता जताई गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसे "अत्यंत चिंताजनक" बताया और सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठाए। कई नेता इसे कट्टरपंथी तत्वों की बढ़ती ताकत का संकेत मानते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नजर रखी जा रही है, क्योंकि यह हिंसा 2026 के चुनावों से पहले बांग्लादेश में अस्थिरता बढ़ा सकती है।

बांग्लादेश में सांप्रदायिक सदभाव बड़ी चुनौती

बहरहाल,यूनुस सरकार ने हाल की घटनाओं में कई गिरफ्तारियां की हैं और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय संगठन अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं। बांग्लादेश में सांप्रदायिक सदभाव बनाए रखना बड़ी चुनौती है। सभी पक्षों को हिंसा से दूर रह कर लोकतंत्र की रक्षा करनी होगी।