
Benjamin Netanyahu (Photo - Washington Post)
इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच 12 दिन तक युद्ध चला, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीज़फायर लागू हो गया। अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के आदेश पर अमेरिकी एयरफोर्स ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की। हालांकि ट्रंप ने सीज़फायर कराने में भी अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने बताया कि उनके कहने पर ही इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने अपने पायलट्स को ईरान से वापस बुलाया और उनकी चेतावनी के कारण ही ईरान ने भी अपने हमले रोके। इसी हफ्ते नेतन्याहू ने एक बार फिर अमेरिका का दौरा किया और व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की। इस दौरान नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी भी दे दी।
नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने फिर से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की, तो इज़रायल फिर से हमला करेगा। नेतन्याहू की इस चेतावनी पर ट्रंप ने भी किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है।
इज़रायली और अमेरिकी हमलों की वजह से ईरान के परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। ट्रंप ने तो यह भी कह दिया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम कई दशक पीछे चला गया है, क्योंकि न सिर्फ उनके तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमले हुए और उन्हें नुकसान पहुंचा, बल्कि कई ईरानी परमाणु वैज्ञानिक भी इज़रायली हमलों में मारे गए। हालांकि ईरान की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि उनके परमाणु ठिकानों को नुकसान ज़रूर पहुंचा है, लेकिन वो तबाह नहीं हुए हैं और नुकसान का आकलन करने के बाद एक बार फिर से उनका परमाणु कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
Updated on:
13 Jul 2025 09:42 am
Published on:
13 Jul 2025 09:38 am
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