12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

6 घंटे की बैठक के बाद हुआ फैसला, कई मुद्दों पर तनाव के बावजूद जो‌ बिडेन और शी जिनपिंग करेंगे मुलाकात

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य और विदेश मामलों संबंधी आयोग के निदेशक यांग जिएची के बीच ज्यूरिख में एक बैठक हुई। करीब छह घंटे तक चली बैठक के बाद व्हाइट हाउस ने यह घोषणा कर जानकारी दी है कि अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल के अंत से पहले ऑनलाइन शिखर बैठक करेंगे।  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Oct 08, 2021

xinping.jpg

नई दिल्ली।

अमरीका रूस और चीन दोनों को ही अपना कड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है। यही वजह है कि दोनों के बीच तमाम मुद्दों को लेकर तनाव बना रहता है। दोनों ही देशों के प्रतिनिधि एक दूसरे के सामने आने से बचते हैं। मगर अच्छी बात यह है कि तमाम मुद्दों पर तनाव के बाद भी दोनों देशों के नेताओं ने एक-दूसरे से मुलाकात करने का फैसला किया है।

अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल के अंत से पहले ऑनलाइन शिखर बैठक करेंगे। दरअसल, दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब व्यापार, मानवाधिकार, दक्षिणी चीन सागर और ताइवान को लेकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं।

यह भी पढ़ें:- आईएसआई प्रमुख पद से हटाए गए फ़ैज़ हामिद, बनाए जा सकते हैं पाकिस्तानी सेना के नए चीफ!

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य और विदेश मामलों संबंधी आयोग के निदेशक यांग जिएची के बीच ज्यूरिख में एक बैठक हुई। करीब छह घंटे तक चली बैठक के बाद व्हाइट हाउस ने यह घोषणा कर जानकारी दी है कि अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल के अंत से पहले ऑनलाइन शिखर बैठक करेंगे।

व्हाइट हाउस ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक की घोषणा ऐसे समय में की है जब अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने बीजिंग से ताइवान पर सैन्य दबाव डालने की कोशिशों को खत्म करने और व्यापार से जुड़ी प्रतिबद्धताओं का पालन करने की मांग की।

यह भी पढ़ें:- विदेश में फंसे लोग चार्टर्ड प्लेन से भारत आ सकेंगे, 15 अक्टूबर से शुरू होंगी सर्विस

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में बताया गया कि करीब छह घंटे तक चली बैठक में सुलिवन ने उन क्षेत्रों पर चर्चा की, जहां अमरीका और चीन अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए साथ काम कर सकते हैं और संबंधों में जोखिम से निपटने के रास्ते तलाश कर सकते हैं। वहीं, सुलिवन ने कई ऐसे क्षेत्रों के मुद्दे भी उठाए जहां अमरीका, चीन के कदमों से चिंतित है। इनमें मानवाधिकार, शिनजियांग, हांगकांग, दक्षिणी चीन सागर और ताइवान से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

हालांकि, हाल ही में अमरीका ने ताइवान मुद्दे पर चीन को चेतावनी भी दी है। अमरीका ने ताइवान सीमा के नजदीक चीन की सैन्य गतिविधि को उकसावे वाली करार दिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, हम ताइवान के पास चीन की उकसावे वाली सैन्य गतिविधि को लेकर चिंतित हैं। यह क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को कमजोर करती है।

उन्होंने कहा, हम बीजिंग से ताइवान के खिलाफ अपना सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव तथा बलपूर्वक कार्रवाई बंद करने का अनुरोध करते हैं। ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता में हमारा स्थायी हितैषी है, इसलिए हम आत्मरक्षा की क्षमता बनाए रखने में ताइवान की सहायता करते रहेंगे।

जेन साकी ने कहा, हम ताइवान के प्रति चीन की दबाव और बलपूर्वक कार्रवाई को लेकर अपनी चिंता के बारे में स्पष्ट रहे हैं और हम स्थिति पर निकटता से नजर रखते रहेंगे। वहीं, एक अलग बयान में सांसद मार्को रुबियो ने कहा कि ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन के 145 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है। ये गतिविधियां ताइवान के राष्ट्रीय दिवस से कुछ दिनों पहले और चीन के राष्ट्रीय दिवस पर शुरू हुईं।