
Bill passed in support of Israel in US Parliament Amid Israel-Hamas War
Israel-Hamas War: अमरीका में 30 से ज्यादा विश्विविद्यालयों में फैल चुके फिलिस्तीन समर्थक प्रर्दशनों के बीच गुरुवार को जिस तरह से अमरीकी कांग्रेस ने 'एंटीसेमेटिज्म अवेयरनेस बिल' को दोनों प्रमुख दलों के भारी समर्थन से पारित किया, उससे यह साफ हो गया है कि छात्रों के इस इजरायल विरोधी प्रर्दशन को मुख्यधारा के अमरीकी राजनीतिक दल समर्थन नहीं कर रहे हैं। बिल के समर्थन में 320 और बिल के विरोध में 91 वोट पड़े। इधर फिलिस्तीनियों के समर्थन में (Protest in USA University) कैंपस में जमे छात्रों का जमावड़ा हटाने के लिए एक ओर अमरीकी विश्वविद्यालय के कैंपस में गुरुवार को पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
पुलिस ने कार्रवाई से पूर्व लॉस एंजेलिस के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (University of California) में टेंट लगाकर जमे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने की माइक लगाकर चेतावनी जारी की। आदेशों का पालन नहीं होने पर पुलिस ने बैरिकेड्स हटा दिए और 1000 से ज्यादा कब्जा जमाए छात्रों को हटाना शुरू कर दिया। इस दौरान कई छात्रों को हिरासत में लिया गया। कार्रवाई को दौरान हेलिकॉप्टर लगातार विश्वविद्यालय परिसर के ऊपर मंडराते रहे। इस दौरान अधिकारियों के प्रतिरोध का सामना करने पर हेलमेट और गैस मास्क लगाकर जमे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई हुई।
अमरीकी कांग्रेस द्वारा गुरुवार को जिस 'एंटीसेमेटिज्म अवेयरनेस बिल' पर मुहर लगाई गई, उसमें एंटीसेमेटिज्म का दायरा बढ़ा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जो कॉलेज यहूदी छात्रों की रक्षा में असफल रहते हैं, उनको नागरिक अधिकारों के उल्लंघन की कार्रवाई का सामना करना होगा। साथ ही, यहूदियों के लिए 'अपनी पैतृक मातृभूमि इजरायल के प्रति आत्मनिर्णय' का अधिकार का विरोध करना भी एंटीसेमिटेज्म के दायरे में शामिल कर लिया गया है।
पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कोलंबिया विश्वविद्यालय परिसर को प्रदर्शनकारी छात्रों से मुक्त करने के लिए पुलिस की कार्रवाई की प्रशंसा की है। ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को हमास समर्थक बताया, जिन्होंने विश्वविद्यालय (Columbia University) की इमारत पर कब्जा कर लिया था। पूर्व राष्ट्रपति ने गाजा शरणार्थियों को अमरीका में आने की अनुमति देने की योजना के लिए भी बाइडन प्रशासन पर कटाक्ष किया।
अमरीका में जब छात्रों और पुलिस के बीच संघर्ष जारी है, सऊदी अरब ने इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) से संबंधित सोशल-मीडिया पोस्ट के लिए नागरिकों की गिरफ्तारी बढ़ा दी है। गौरतलब है कि सऊदी अरब में ऑनलाइन टिप्पणियों के लिए लोगों को हिरासत में लेना आम बात है, चाहे वह टिप्पणी 10 साल से भी अधिक पुरानी क्यों न हो। यहां स्वतंत्र भाषण और राजनीतिक अभिव्यक्ति के लिए कोई जगह नहीं है। माना जा रहा है कि सऊदी अरब का यह कदम इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों पर सहमति का एक संकेत है। सऊदी अरब पहले ही कह चुका है कि अगर इजरायल फिलिस्तीनी राज्य के लिए प्रतिबद्धता दिखाए तो वह इजरायल के साथ राजनयिक संबंध कायम करने को तैयार है।
अमरीकी विश्वविद्यालयों में पिछले कई दिनों से चल रहे फिलिस्तीन के समर्थन और गाजा में इजरायली कार्रवाई के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। बाइडन ने विरोध प्रदर्शन के तरीके की निंदा की है और कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने कानून की धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने कहा, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को समर्थन मिल सकता है, हिंसक प्रदर्शनों को नहीं। संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना कहीं से भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दायरे में नहीं आता। बाइडन ने कहा, इन प्रदर्शनों के कारण उन्हें गाजा नीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत नहीं दिख रही।
Updated on:
03 May 2024 09:57 am
Published on:
03 May 2024 09:56 am
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